कोलकाता, 01 अप्रैल । दार्जिलिंग, कर्सियांग और कालिम्पोंग पहाड़ियों के स्थायी राजनीतिक समाधान पर विचार-विमर्श के लिए दो अप्रैल को राष्ट्रीय राजधानी में त्रिपक्षीय  बैठक बुलाई गई है। पश्चिम बंगाल से भारतीय जनता पार्टी  के 12 नेताओं का  प्रतिनिधिमंडल इस त्रिपक्षीय बैठक में शामिल होगा। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सोमवार दोपहर दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं।

प्रतिनिधिमंडल में 11 भाजपा विधायक और एक लोकसभा सांसद शामिल हैं। दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिष्ट के नेतृत्व में यह टीम बैठक में भाग लेगी। उनके साथ सिलीगुड़ी के विधायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक डॉ. शंकर घोष भी शामिल होंगे।

इसके अलावा, प्रतिनिधिमंडल में दार्जिलिंग के विधायक नीरज जिंबा, फांसीदेवा से दुर्गा मुर्मू, माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी से आनंदमय बर्मन, नागरकट्टा से पुना भेंगरा, कालचीनी से विशाल लामा, डाबग्राम-फूलबाड़ी से शिखा चटर्जी, माथाभांगा से सुशील बर्मन, तूफानगंज से मालती राभा रॉय, मयनागुड़ी से कौशिक रॉय और गाजोल से चिन्मय देब बर्मन भी शामिल होंगे।

राजू बिष्ट ने इस बैठक को गैर-राजनीतिक बताते हुए कहा, “संभवतः केंद्र सरकार के पास पहाड़ियों के विकास को लेकर कोई ठोस योजना है, इसी कारण यह त्रिपक्षीय बैठक बुलाई गई है। जो भी दल दार्जिलिंग पहाड़ियों के विकास के पक्ष में हैं, उन्हें इस बैठक में शामिल होना चाहिए।”

भाजपा विधायक डॉ. शंकर घोष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने उत्तर बंगाल के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी और प्रयासों की जरूरत है।

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने इस बैठक पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के दार्जिलिंग हिल अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद सांता छेत्री ने कहा, “हम इस बैठक की कोई जानकारी नहीं रखते। भाजपा हमेशा पहाड़ियों में राजनीति करती रही है, जबकि असली विकास पर ध्यान नहीं दिया गया। यह बैठक महज एक दिखावा है।”