कोलकाता, 08 मई। तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एक युवा कलाकार को सिर्फ इसलिए कोलकाता छोड़ने को मजबूर कर दिया कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा हुआ है।
पीड़ित कलाकार का नाम शीर्ष आचार्य है। देश विभाजन के समय उनके दादा पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से पश्चिम बंगाल आए थे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। उसके बाद से उनके परिवार का संपर्क संघ से रहा है। 24 वर्षीय शीर्ष आचार्य कस्बे में किराए का मकान लेकर रहते थे और लोगों को पेंटिंग सिखाकर अपनी रोजी-रोटी चला रहे थे।
विगत दिसंबर-जनवरी में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर अक्षत वितरण कार्यक्रम के लिए संघ के कुछ पदाधिकारियों ने आचार्य से बातचीत की थी। इस पर तृणमूल कार्यकर्ताओं की नजर पड़ गई। इसके बाद उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखी जा रही थी। पिछले रविवार को वार्ड-115 में रहने वाला एक तृणमूल कार्यकर्ता उनके घर गया और उन्हें काफी धमकी दी। शीर्ष आचार्य ने यह जानकारी स्थानीय काउंसलर सुशीला मंडल के पति तरुण मंडल को दी। उन्होंने शीर्ष से कहा कि वह सोमवार को 11 बजे पार्टी ऑफिस आकर बातचीत कर इसका समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। वहां शीर्ष गए लेकिन तरुण नहीं मिले। कुछ देर इंतजार के बाद जब शीर्ष वहां से जाने लगे तो कुछ लड़के उन्हें पार्टी ऑफिस के अंदर ले गए। उनके साथ मारपीट की, उनका चश्मा तोड़ दिया। उन्हें धमकी दी गई कि इलाका छोड़ दो नहीं तो शाम तक तुम्हें तालाब में डुबा देंगे। शीर्ष ने भाजपा नेता देवजीत सरकार को तुरंत मामले की जानकारी दी। बीस मिनट के अंदर देवजीत पहुंचे और मदद का आश्वासन दिया लेकिन शीर्ष जोखिम नहीं लेना चाहते थे। उन्होंने बैग में कुछ सामान रखा और शाम 05 बजे निकल पड़े। सियालदह से ट्रेन पकड़ी और देर रात मुर्शिदाबाद स्थित अपने घर पहुंचे।
शीर्ष ने मीडिया एजेंसी से बातचीत में सिर्फ इतना ही कहा कि डर की वजह से वह एक शब्द भी नहीं बोलेंगे।
स्थानीय कस्बा थाने ने इस बारे में कोई भी जानकारी होने से भी इनकार किया है। काउंसलर सुशीला मंडल के पति तरुण मंडलत ने कहा कि हां, एक फोन आया था लेकिन उसके बाद क्या हुआ मुझे नहीं पता। पार्षद सुशीला मंडल से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो सकी।
स्तंभकार और राजनीतिक विश्लेषक देवयानी भट्टाचार्य ने सोशल मीडिया पर लिखा कि शीर्ष आचार्य को किराए के घर को छोड़कर भागने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उन्होंने राम मंदिर आदि की तस्वीरें बनाईं? एक अन्य पोस्ट में देवयानी ने लिखा कि पहले सरस्वती सरकार का सिर फाड़ दिया गया, फिर शीर्ष आचार्य को भगा दिया गया। क्या कस्बा कोलकाता का नया “मिनी पाकिस्तान” है? अभिनेता-निर्देशक संजय दास ने कहा कि शीर्ष को थप्पड़ मारा गया और घर छोड़ने को कहा गया, कहीं कोई विरोध नहीं हुआ।