
चुनाव आयोग ने रखा पक्ष, कहा-भले ही नंबर एक, लेकिन कोई दूसरा व्यक्ति वोट नहीं डाल सकता
कोलकाता, 3 मार्च । पश्चिम बंगाल में वोटर कार्ड से जुड़ी गड़बड़ी के मामले में तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला है। पार्टी का कहना है कि आयोग ने खुद मान लिया है कि देश के अलग-अलग राज्यों में एक ही ईपीआईसी नंबर वाले कई वोटर आईडी कार्ड मौजूद हैं, ऐसे में आयोग को 24 घंटे के भीतर अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। अगर आयोग ऐसा नहीं करता है, तो तृणमूल मंगलवार सुबह नौ बजे इस मुद्दे से जुड़े और दस्तावेज सार्वजनिक करेगी।
सोमवार को तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने पत्रकारों से कहा कि आयोग ने रविवार को अपनी विज्ञप्ति में माना कि एक ही ईपीआईसी नंबर वाले वोटर आईडी अलग-अलग राज्यों में मौजूद हैं। इसका साफ मतलब है कि ये पहचान पत्र फर्जी नहीं हैं। अब आयोग को खुलकर जिम्मेदारी लेनी होगी। डेरेक के साथ ही तृणमूल की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष और लोकसभा सांसद कीर्ति आजाद ने पत्रकार वार्ता में कई ऐसे वोटर आईडी की सूची भी पेश की, जिनमें एक ही ईपीआईसी नंबर दर्ज हैं।उन्होंने चिंता व्यक्त की कि हम चाहते हैं कि बंगाल में केवल बंगाल के निवासी ही वोट डालें। पर अब हालत यह है कि किसी वोटर का वोट किसी और ने डाल दिया, क्योंकि उनके वोटर आईडी का नंबर किसी और के कार्ड से मेल खा गया। यह मंजूर नहीं है।
इस विवाद के बीच चुनाव आयोग ने अपना पक्ष रखा है। आयोग का कहना है कि कुछ मामलों में ईपीआईसी नंबर भले ही एक जैसे हों, लेकिन वोटिंग का अधिकार केवल उसी केंद्र पर मिलेगा, जहां उस व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज है। बाकी कहीं और वह वोट नहीं डाल सकता।