
हुगली, 27 जुलाई । देश के विभिन्न राज्यों में बंगालियों पर कथित अत्याचार और बांग्लादेश सीमा पर ‘पुशबैक’ को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा कटाक्ष किया है। उत्तरपाड़ा माखला के बाघायतीन क्लब और डॉक्टर बी सी राय मेडिसिन बैंक के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित एक रक्तदान शिविर में रविवार को कल्याण बनर्जी ने कहा कि उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) खुद कहा है कि उनका जन्म जैविक (बायोलॉजिकल) नहीं है, बल्कि वे ईश्वर के दूत हैं। अगर ऐसा है तो फिर वह किसी देश के नागरिक नहीं हो सकते। वह तो किसी देव लोक के हैं! ऐसे में उन्हें तो देवताओं की दुनिया में ही ‘पुशबैक’ कर देना चाहिए।
कल्याण बनर्जी ने बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची में चल रहे ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर)’ पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि क्या बंगाल से बाहर रहने वाले बंगालियों की नागरिकता पर सवाल उठाया जा सकता है?
उन्होंने आगे कहा कि जो बंगाली दूसरे राज्यों में रहते हैं, क्या वे कम बंगाली हैं? अगर कोई वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेता, तो यह उसका लोकतांत्रिक अधिकार है। क्या इसका मतलब है कि उसकी नागरिकता खत्म हो गई? मेरा स्थायी पता दिल्ली है। अगर कोई सर्वे होता है और मैं उस समय घर पर नहीं होता, तो क्या यह साबित करता है कि मैं भारत का नागरिक नहीं हूं?
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करते हुए कल्याण बनर्जी ने पिछले वर्ष दिए गए मोदी के एक इंटरव्यू का हवाला दिया, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था, “जब तक मेरी मां जीवित थीं, मुझे लगता था कि मेरा जन्म जैविक रूप से हुआ है। लेकिन मां के निधन के बाद जो अनुभव हुए, उनसे मुझे यकीन हो गया कि मुझे परमात्मा ने भेजा है। मुझे जो शक्ति मिली है, वह जैविक प्रक्रिया से नहीं मिली। परमात्मा मुझसे कुछ कार्य करवाना चाहते हैं, इसीलिए उन्होंने मुझे यह शक्ति दी, यह सामर्थ्य दिया, यह प्रेरणा दी।”
कल्याण बनर्जी ने इसी बयान को आधार बनाकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और उनकी नागरिकता को लेकर व्यंग्य किया।