
नदिया, 03 जुलाई। जिले के चापड़ा इलाके में स्थित गवर्नमेंट जनरल डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शुभाशीष पांडा के साथ मारपीट करने का आरोप एक तृणमूल नेता के भाई पर लगा है।
प्रिंसिपल ने दावा किया है कि उनपर हमला उस समय हुआ जब वे पर्यावरण संरक्षण के लिए कॉलेज के बाहर लगाए गए बोर्डों की मरम्मत करवा रहे थे। गुरुवार अपराह्न “हिन्दुस्थान समाचार” को अपनी पीड़ा बताते हुए प्रिंसिपल भावुक हो गए और फूट-फूट कर रो पड़े। उन्होंने कहा कि आरोपित अभी भी खुलेआम घुम रहा है। मैं बहुत अपमानित महसूस कर रहा हूं। मैने हमेशा समाज और पर्यावरण के लिए काम किया है। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे इस तरह अपमानित होना पड़ेगा। मेरे लिए यह बहुत मुश्किल समय है। मेरी मांग है कि पुलिस आरोपित को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुभाशीष पांडा वर्ष 2021 से चापड़ा कॉलेज में कार्यरत हैं। वे एक समर्पित कीटविज्ञानी हैं, जो कीटों के संरक्षण और उनके कृषि में लाभकारी भूमिका पर शोध कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भी कार्य किया है। चापड़ा क्षेत्र में वह झाड़ियों और नालों के किनारे की जैव विविधता को संरक्षित रखने के लिए वे जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इलाके में सरकारी जमीनों और रास्तों के किनारे की झाड़ियों की सफाई कर अवैध कब्जे की कोशिशें की जा रही थीं। पांडा ने जब ऐसे स्थानों पर पर्यावरण जागरूकता बोर्ड लगाए, तो उन्हें तोड़ दिया गया।
पांडा ने कहा कि बुधवार शाम पांच बजकर दस मिनट पर जब एक सुरक्षा गार्ड के साथ मैं उन बोर्डों की मरम्मत करने गया, तभी एक व्यक्ति ने मुझे पूछताछ की और लात घुसो से मुझपर हमला कर दिया।
शुभाशीष पांडा का आरोप है कि हमलावर अजय घोष स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता का भाई है और खुद भी तृणमूल कार्यकर्ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि घोष ने उनके साथ सुरक्षा कर्मी की मौजूदगी में बेरहमी से मारपीट की। घटना के बाद उन्हें चापड़ा ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया।
पांडा ने चापड़ा थाने में मामले लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
आरोपित अजय घोष ने मीडिया के सामने आकर कहा कि उस समय मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। अगर वहां मेरे पिता भी होते, तो मैं उन्हें भी मार देता। मैं गुस्से में था, अपने किए पर पछतावा है।
पुलिस ने प्रिंसिपल की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है।