
कोलकाता, 11 नवंबर । पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने हाल ही में सुंदरबन की दो युवतियों के समलैंगिक विवाह का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया है। यह एक अनोखी राजनीतिक और सामाजिक पहल है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब देश में किसी बड़ी राजनीतिक पार्टी ने समलैंगिक विवाह का सार्वजनिक तौर पर स्वागत और समर्थन किया है।
पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र के एक छोटे से गांव की दो युवतियों ने एक मंदिर में जाकर आपस में विवाह कर लिया। हालांकि, इस विवाह को कानूनी मान्यता तो नहीं मिली, लेकिन गांव वालों ने इसका खुले दिल से स्वागत किया और दोनों को आशीर्वाद दिया।
दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने ऐसे विवाह को कानूनी मान्यता देने वाली तमाम याचिकाओं को खारिज करते हुए इस पर सहमति देने से इनकार कर दिया था। बावजूद इसके, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने इन दोनों महिलाओं के विवाह का समर्थन किया है। उन्होंने सोमवार को फोन कर इन दोनों महिलाओं को बधाई दी और भविष्य में हर तरह की मदद का आश्वासन दिया है।
इससे पहले दोनों पेशेवर नृत्य कलाकार रिया सरदार और राखी नस्कर ने 4 नवंबर को दक्षिण 24 परगना जिले के कुलतली ब्लॉक के जलबेरिया में पालेर चक मंदिर में अपनी शादी की रस्में निभाईं। इस अवसर पर गांव के कई लोग मौजूद थे, जिन्होंने पुष्पवर्षा कर दोनों को आशीर्वाद दिया। ग्रामीणों ने इसे प्रेम और साहस का प्रतीक बताया।
रिया सरदार ने विवाह के बाद कहा, “हम दोनों वयस्क हैं और अपने जीवन के निर्णय खुद ले सकते हैं। जीवन साथी चुनने में लिंग का क्या महत्व होना चाहिए?” बकुलतला क्षेत्र की निवासी राखी नस्कर ने भी कहा कि उन दोनों ने समाज की परवाह किए बिना जीवन भर साथ रहने का संकल्प लिया है।
रिया के माता-पिता के निधन के बाद उनकी परवरिश उनकी बुआ कविता कोयल ने की। शुरुआत में उन्होंने थोड़ी झिझक जरूर दिखाई, लेकिन अंततः इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया। दोनों कलाकार सोशल मीडिया के माध्यम से मिले थे और एक ही डांस ट्रूप में काम करने लगीं। ग्रामीण समाज ने इस विवाह का विरोध करने के बजाय समर्थन किया।
गांव के निवासी मिलन सरदार ने कहा, “हमने अपनी दो बेटियों के नए जीवन की शुरुआत में मदद की। गांव के लोग उनके साथ हैं।”
अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को फोन कर दोनों युवतियों को शुभकामनाएं दीं और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। राजनीतिक हलकों में यह बात खास चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने समान लिंग विवाह की कानूनी मान्यता पर फिलहाल रोक लगा रखी है। बावजूद इसके राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष नेता की ओर से ऐसे विवाह को समर्थन मिलना कई मायनों में महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।
स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस विवाह को लेकर कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि “यदि मंदिर में शांतिपूर्वक कोई धार्मिक आयोजन होता है तो हमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं।”






