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कोलकाता, 25 फरवरी । पश्चिम बंगाल के पानिहाटी नगर पालिका के तृणमूल कांग्रेस पार्षद तारक गुहा को मछली व्यापारी शंभू चक्रवर्ती की पीट-पीटकर हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। बारासात की अदालत ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। इस मामले में तारक गुहा सहित पांच लोगों को दोषी ठहराया गया, जबकि तीन आरोपितों को बरी कर दिया गया।
घटना 25 सितंबर 2014 की है, जब पानिहाटी के गांधी नगर इलाके में दुर्गा पूजा पंडाल में शंभू चक्रवर्ती को चोरी के संदेह में बांधकर पीटा गया, जिससे उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में तत्कालीन तृणमूल नेता तारक गुहा समेत 10 लोगों के खिलाफ खड़दा थाने में शिकायत दर्ज हुई थी। पुलिस जांच के दौरान इनमें से दो आरोपित फरार हो गए, जबकि आठ को अदालत में पेश किया गया।
हत्या के आरोपित तारक गुहा को 2022 में तृणमूल कांग्रेस ने टिकट देकर 11 नंबर वार्ड से पार्षद बनाया। मृतक शंभू चक्रवर्ती के बेटे का आरोप है कि पार्षद बनने के बाद तारक गुहा और उसके सहयोगी उन पर मुकदमा वापस लेने का दबाव डालते रहे। यहां तक कि 16 लाख रुपये की पेशकश कर तारक और उसके भतीजे नेपाल गुहा का नाम हटाने की बात कही गई।
इस फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। स्थानीय नेतृत्व को अब सफाई देनी पड़ रही है कि तारक गुहा ने अपराध 2014 में किया था, पार्षद वह 2022 में बना। लेकिन बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि एक हत्या के आरोपित को तृणमूल कांग्रेस ने टिकट ही क्यों दिया ?