बीरभूम, 09 मार्च । बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रशासन पर असहयोग का आरोप लगाया है। जिला तृणमूल उपाध्यक्ष मलय मुखर्जी ने आरोप लगाया है कि प्रशासन के सर्वोच्च पदों से नकारात्मक खबरें आ रही हैं। मलय ने यह डर जाहिर किया कि प्रशासन के सहयोग के बिना बीरभूम के दोनों लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी लाखों वोटों से हार जाएगी।
मलय ने कहा, ”मैं प्रशासन के साथ काम कर रहा था या कर सकता था। लेकिन मैं आज ऐसा नहीं कर सकता। प्रशासन उतना सहयोग नहीं कर रहा है। अगर बीरभूम में प्रशासन इसी तरह सहयोग नहीं करेगा तो जीती हुई दोनों सीटें हम लाखों वोटों से हार जायेंगे।” वहीं तृणमूल नेता के इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। विपक्ष सवाल उठा रहा है कि क्या तृणमूल कांग्रेस के लोग प्रशासन के सहयोग से ही अब तक जीतते रहे हैं।
मलय मुखर्जी सफाई देते हुए कहा कि वास्तव में उनका मतलब यह था कि प्रशासन का कोई भी अधिकारी सहयोग नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा, ”आपने इसे दूसरी तरह से ले लिया है। गांव स्तर पर तृणमूल कार्यकर्ताओं को ऐसा लगता है कि प्रशासन उनके पक्ष में नहीं है। उन्हें ममता बनर्जी के विकास कार्यक्रमों का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि कोई भी अधिकारी सहयोग नहीं कर रहा है।”
इस बारे में भाजपा नेता सजल घोष ने कहा, ”प्रशासन का मतलब है कि पुलिस का इस्तेमाल किया जाए।” पुलिस को नियुक्त करने का मतलब है कि भाजपा कार्यकर्ताओं को अपना घर छोड़ना होगा। भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और फर्जी मतदान में सहयोग करना चाहिए। अब प्रशासन चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता क्योंकि इस राज्य में ये वोट दीदी की पुलिस नहीं, बल्कि दादा की पुलिस करेगी। छह फुट की पुलिस, पांच फुट का डंडा।”