
पूर्वी सिंहभूम, 8 अगस्त । झारखंड आंदोलन के अग्रणी नायक शहीद निर्मल महतो के 38वें शहादत दिवस पर शुक्रवार को बिष्टुपुर स्थित चमरिया गेस्ट हाउस और कदमा के उलियान स्थित समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा।
इस वर्ष का आयोजन भावुक माहौल में हुआ, क्योंकि यह पहला मौका था जब दिशोम गुरु एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की मृत्यु और रामदास सोरेन के इलाजरत होने के कारण झामुमो के बड़े नेता और मुख्यमंत्री इस अवसर पर मौजूद नहीं रहे।
दिशोम गुरु के निधन से लोगों में गहरी मायूसी देखी गई। यह वही शिबू सोरेन थे, जिन्होंने शहीद निर्मल महतो के साथ मिलकर अलग झारखंड राज्य की नींव रखी थी। 8 अगस्त 1987 को चमरिया गेस्ट हाउस के गेट पर निर्मल महतो की हत्या के बाद झारखंड आंदोलन ने जोर पकड़ा और अंततः अलग राज्य का सपना साकार हुआ। इस बार, झारखंड आंदोलन के इन दोनों नायकों की अनुपस्थिति में, कार्यक्रम सादगी से आयोजित किया गया और श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम में शहीद निर्मल महतो की परिवार सदस्य एवं ईचागढ़ विधायक सविता महतो, झामुमो के प्रदेश प्रवक्ता मोहन कर्मकार, पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो, सूर्य सिंह बेसरा समेत कई लोग मौजूद रहे। सभी ने शहीद निर्मल महतो और शिबू सोरेन के सपनों का झारखंड बनाने का संकल्प लिया।
इधर, चाकुलिया प्रखंड के कुचियाशोली चौक में भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
बहरागोड़ा विधायक समीर कुमार महंती ने माल्यार्पण कर निर्मल महतो को नमन किया। उन्होंने कहा कि निर्मल दा का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने झारखंड की अस्मिता, अधिकार और सम्मान के लिए जो संघर्ष किया, वह हम सभी के लिए प्रेरणा है। हम उनके सपनों का झारखंड बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
श्रद्धांजलि सभा में झामुमो नेता एवं प्रखंड प्रमुख धनंजय करुणामय, नगर अध्यक्ष मो. गुलाब, निर्मल महतो, गौतम दास, असगर हुसैन, भित्ति सुंदर महतो, राकेश मोहंती, राम बास्के, राजा बारीक, सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और ग्रामीण मौजूद रहे।