
रांची, 17 मई । रांची के सरना भवन में शनिवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक प्रेस वार्ता कर सिरम टोली सरना स्थल के मुख्य द्वार पर प्रस्तावित फ्लाईओवर, रैम्प निर्माण को लेकर विरोध जताया। केंद्रीय सरना स्थल सिरम टोली बचाव मोर्चा के बैनर तले आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश की पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि सरकार सरना स्थल के सामने फ्लाईओवर को अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटी है। 24 अप्रैल को इस मुद्दे पर आपात बैठक भी बुलाई गई थी।
गीताश्री उरांव ने पेसा कानून, धर्म कॉलम और आदिवासियों की जातीय जनगणना को लेकर भी सवाल उठाए। आरोप लगाया कि सातवां धर्म कॉलम हटा दिया गया है और अंग्रेजों के समय से चले आ रहे धर्म कॉलम को मिटाया जा रहा है। साथ ही, प्रशासनिक सहयोग से अंचल कार्यालयों और थानों में आम आदिवासी परेशान हैं और उनकी धार्मिक जमीनें भी छीनी जा रही हैं।
प्रदेश के पूर्व मंत्री देवकुमार धान ने कहा कि पेसा कानून की नियमावली बनाई गई है, लेकिन ग्राम सभा के अधिकारों को लेकर अब भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। सीएनटी एक्ट का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है और धार्मिक स्थलों पर कब्जा किया जा रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रेमशाही मुंडा ने रैम्प निर्माण को आदिवासी अस्मिता पर सीधा हमला बताया और कहा कि इस मामले में अब आर-पार की लड़ाई होगी। जय आदिवासी केंद्रीय परिषद के अध्यक्ष निरंजना हेरेंज ने कहा कि वे पिछले चार महीने से आंदोलनरत हैं। लेकिन राज्य सरकार, पुलिस बल के सहारे जबरन निर्माण कार्य पूरा करवा रही है।
आंदोलनकारियों ने बताया कि 27 मई को राजभवन के समक्ष धरना दिया जाएगा और चार जून को झारखंड बंद बुलाया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता कुंदरसी मुंडा ने कहा कि नया आदिवासी मोर्चा बनाकर जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि सिरम टोली की लड़ाई किसी भी कीमत पर खत्म नहीं होगी।
मौके पर सूरज टोप्पो,शनि हेमरोम,सुशिला कच्छप,संगीता कच्छप, निरंजना हेरेंज, आकाश तिर्की, राहुल तिर्की,विजय कच्छप,समेत कई अन्य लोग उपस्थित रहे।