
शिमला, 26 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और भूस्खलन के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार शाम तक प्रदेश में दो नेशनल हाईवे सहित कुल 211 सड़कें बंद पड़ी हैं। मंडी और कुल्लू जिलों में एक-एक नेशनल हाईवे बाधित है। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 139 सड़कें और कुल्लू में 45 सड़कें मलबा गिरने व भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हैं।
इसके अलावा 31 बिजली के ट्रांसफार्मर और 141 पेयजल योजनाएं भी ठप पड़ी हुई हैं। मंडी जिले में 24 ट्रांसफार्मर और 79 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जबकि कांगड़ा जिले के धर्मशाला और नूरपुर उपमंडलों में 59 पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं।
मानसून सीजन की शुरुआत से अब तक प्रदेश में भारी तबाही का आलम रहा है। 20 जून से अब तक बारिश जनित आपदाओं से 155 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 257 लोग घायल हुए हैं और 34 लोग अब भी लापता हैं। मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां 31 लोगों की मौत और 27 लोग लापता हुए हैं। इसके अलावा कांगड़ा में 23, चंबा में 17, कुल्लू में 15, शिमला में 12, ऊना में 11, हमीरपुर और सोलन में 10-10, किन्नौर में 9, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 5 और सिरमौर में 4 लोगों की जान गई है।
भारी बारिश और भूस्खलन से मकानों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। अब तक प्रदेश में कुल 1312 मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 417 पूरी तरह से ढह गए हैं। अकेले मंडी जिले में ही 986 मकानों को नुकसान हुआ है, जिसमें से 375 मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं। वहीं, 21500 पोल्ट्री पक्षी और 1376 मवेशियों की भी मौत हुई है।
प्रदेश में इस मानसून सीजन के दौरान अब तक करीब 1438 करोड़ रुपये की क्षति आंकी गई है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ है, जिसे करीब 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके बाद जलशक्ति विभाग को 495 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
राज्य में मानसून सीजन के दौरान अभी तक फ्लैश फ्लड की 42, बादल फटने की 25 और भूस्खलन की 32 घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे जनजीवन लगातार प्रभावित हो रहा है।
इस बीच मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने हिमाचल प्रदेश के लिए एक बार फिर भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। 27 जुलाई से लेकर 30 जुलाई तक प्रदेश के कई जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। विभाग ने 27 और 28 जुलाई के लिए भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि 29 जुलाई को कुछ जिलों के लिए बहुत भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 30 जुलाई को भी कुछ जिलों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट रहेगा।
विशेष तौर पर 27 जुलाई को ऊना, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में गरज-चमक, बिजली गिरने और अंधड़ की आशंका जताई गई है। 28 जुलाई को ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 29 जुलाई को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में बहुत भारी वर्षा के लिए ओरेंज अलर्ट रहेगा, जबकि ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 30 जुलाई को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी के तहत येलो अलर्ट रहेगा।
बीते 24 घंटों में भी प्रदेश के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। सिरमौर के जतौंन बेरेज, कांगड़ा के पालमपुर और मंडी में 30-30 मिमी वर्षा हुई, जबकि बिलासपुर के आरएल बम्ब, कांगड़ा, पांवटा, संगड़ाह और कोठी में 20-20 मिमी बारिश दर्ज की गई। शनिवार को भी शिमला सहित राज्य के अनेक क्षेत्रों में झमाझम बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट आई और मौसम ठंडा हो गया, लेकिन राज्य के कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़कें बंद होने से लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।