ओंकार समाचार
कोलकाता। 29 मई। हर कोई जानता है कि तम्‍बाकू हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए ठीक नहीं है। दुर्भाग्‍य पूर्ण बात यह है कि तम्बाकू उत्पादों के सेवन के दुष्‍प्रभावों को जानते हुए भी लोग इनका सेवन करते हैं। चिकित्‍सकों का कहना है कि तम्बाकू और इससे बनने वाले उत्पादों के सेवन से कई तरह की बीमारियां हो सकती है और यह असमय मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
एक अनुमान के मुताबिक तम्बाकू उत्पादों के सेवन से दुनिया भर में हर साल लगभग 60 लाख लोग असमय मौत का शिकार बनते हैं।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि तम्बाकू उत्पादों का सेवन इसी तरह जारी रहा तो सन 2030 तक दुनिया भर में 80 मिलियन से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाएगी।
तम्‍बाकू के सेवन से असमय मरने वालों में 80% लोग निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहने वाले होते हैं।
हमारे देश भारत में हर साल लगभग 8 से 9 लाख लोग तम्बाकू जनित बीमारियों के कारण मरते हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार, लगभग 50% पुरुष कैंसर और 25% महिला कैंसर सीधे तौर पर तम्बाकू के सेवन के कारण होते हैं।
तम्बाकू उत्पादों के सेवन के स्वास्थ्य पर दुष्‍प्रभाव
* लंबे समय तक तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने से फेफड़े, मुँह, होंठ, जीभ, ग्रासनली, गले और मूत्राशय का कैंसर हो सकता है।
* धूम्रपान करने वाले धूम्रपान न करने वालों की तुलना में 13-14 साल पहले मर जाते हैं।
* धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के विकास का जोखिम 20 से 25 गुना अधिक होता है।
* धूम्रपान करने वालों में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम 2 से 3 गुना अधिक होता है।
* धूम्रपान करने वालों में अचानक मृत्यु का जोखिम 3 गुना अधिक होता है।
* धूम्रपान करने वालों में स्ट्रोक का जोखिम 2 गुना अधिक होता है।
कुछ गलत धारणाएँ:
* गुटखा/पान मसाला (चबाने योग्य/धूम्रपान रहित) क्‍या सिगरेट/बीड़ी से कम हानिकारक हैं?
सभी तम्बाकू उत्पाद खतरनाक हैं, चाहे आप उन्हें चबाएँ या धूम्रपान करें। चबाने वाले तम्बाकू और अन्य धुआँ रहित तम्बाकू उत्पादों को अक्सर सिगरेट के सुरक्षित विकल्प के रूप में प्रचारित किया जाता है क्योंकि वे फेफड़ों के कैंसर से जुड़े नहीं हैं, लेकिन ये उत्पाद भी सिगरेट के समान ही खतरनाक हैं। इन उत्पादों के उपयोग से ल्यूकोप्लाकिया, मुँह, जीभ, गाल का कैंसर हो सकता है।
• क्या पहले से पैक की गई सिगरेट की तुलना में हाथ से रोल की गई सिगरेट चुनना बेहतर है? पहले से पैक की गई सिगरेट में मौजूद अधिकांश रसायन हाथ से रोल की गई सिगरेट में भी पाए जाते हैं। ये रसायन जहरीले होते हैं और कई तरह के कैंसर का कारण बन सकते हैं। तो, इसका उत्तर यह है कि धूम्रपान न करना एक अच्छा विकल्प है।
• क्या ई-सिगरेट शरीर के लिए सुरक्षित हैं? ई-सिगरेट में निकोटीन, प्रोपलीन ग्लाइकॉल, फ्लेवरिंग और अन्य हानिकारक रसायन होते हैं जो सिगरेट के धुएँ के समान फेफड़ों को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
* क्या धूम्रपान लोगों को तनाव से दूर रखता है? अधिकांश अध्ययनों से पता चला है कि धूम्रपान वास्तव में चिंता और तनाव को बढ़ाता है। निकोटीन लोगों को तुरंत शांति का एहसास कराता है लेकिन यह आदत लोगों को खतरे की ओर ले जाती है।