
नई दिल्ली, 7 अगस्त । केंद्र सरकार ने नागरिकों की शिकायतों का समयबद्ध, प्रभावी और पारदर्शी निवारण सुनिश्चित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। यह जानकारी गुरुवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी।
डॉ. सिंह ने बताया कि केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के अंतर्गत अप्रैल 2022 में 10-सूत्रीय सुधार योजना लागू की गई। इसके परिणामस्वरूप 2022 से 2025 के बीच कुल 80,36,042 शिकायतों का समाधान किया गया। शिकायतों के समाधान की औसत समयसीमा 2019 के 28 दिनों से घटकर अब 2025 में 16 दिन कर दी गई है।
सरकार ने 23 अगस्त 2024 को लोक शिकायतों के प्रभावी समाधान के लिए व्यापक दिशानिर्देश भी जारी किए, जिसमें न केवल समयसीमा को 30 दिन से घटाकर 21 दिन किया गया, बल्कि मंत्रालयों और विभागों में समर्पित शिकायत प्रकोष्ठ और अनुभवी अपीलीय अधिकारियों की नियुक्ति को अनिवार्य बनाया गया।
इसके साथ ही एक मजबूत अपील प्रणाली भी तैयार की गई है, जिसके तहत 90 नोडल अपीलीय अधिकारी और 1597 उप-अपील अधिकारी कार्यरत हैं। वर्ष 2022 से 2025 (30 जून तक) में अब तक 7,75,240 अपीलों का समाधान किया जा चुका है। नागरिकों से प्रतिक्रिया लेने के लिए स्थापित फीडबैक कॉल सेंटर ने अब तक 23 लाख से अधिक सर्वे भी पूरे किए हैं।
डॉ. सिंह ने बताया कि ई-गवर्नेंस को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन (एनईएसडीए) की स्थापना की है, जो राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों के ई-सेवा प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है और सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं का आदान-प्रदान सुनिश्चित करती है।
नागरिक सेवा क्षमता निर्माण के तहत सरकार ने ‘राष्ट्रीय कर्मयोगी वृहद जन सेवा कार्यक्रम’ शुरू किया है, जिसमें अब तक 81 मंत्रालयों/विभागों के 15,690 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह कार्यक्रम तीन-स्तरीय प्रशिक्षण व्यवस्था पर आधारित है, जिसके तहत 604 प्रमुख प्रशिक्षकों, 3,161 मास्टर ट्रेनर्स और 17,177 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा, आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफ़ॉर्म पर भी शिकायत निवारण और सीपीजीआरएएमएस से जुड़े कई कोर्स सरकारी कर्मियों के लिए उपलब्ध कराए गए हैं।