
कोलकाता, 10 अगस्त। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज घटना के विरोध और आंदोलन को लेकर पिछले एक साल से डॉक्टरों का एक मंच सक्रिय रहा है। पीड़िता तिलोत्तमा को न्याय दिलाने की मांग को लेकर ये डॉक्टर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन अब तिलोत्तमा के पिता ने इसी मंच पर राजनीतिक मकसद होने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि आंदोलनकारी डॉक्टरों का एक हिस्सा साफ तौर पर माकपा के लिए राजनीति कर रहा है।
शनिवार तिलोत्तमा के माता-पिता ने नवान्न अभियान का आह्वान किया था, जिसे उन्होंने पूरी तरह गैर-राजनीतिक बताया था। इसीलिए तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया। लेकिन उस दिन झंडा रहित भीड़ में सिर्फ भाजपा के कुछ नेता-नेत्री ही मौजूद थे। पहले पंक्ति में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी थे, साथ ही शंकर घोष, अर्जुन सिंह जैसे भाजपा नेता भी मौजूद थे।
इस स्थिति पर तिलोत्तमा के पिता ने नाराज़गी जताते हुए कहा है कि हमने सबको बुलाया था। कुछ वरिष्ठ डॉक्टर आए थे, लेकिन साफ है कि आंदोलनकारी डॉक्टर माकपा के लिए राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने एसयूसीआई और माकपा से भी जुड़ने को कहा था, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं मानी।
एसयूसीआई के राज्य सचिव चंडी दास भट्टाचार्य ने पहले ही कहा था कि वे डॉक्टरों के आंदोलन के प्रति सहानुभूति रखते हैं और बिना बैनर के हमेशा शामिल रहेंगे। वहीं, ‘वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ ने नवान्न अभियान में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया था, लेकिन शुक्रवार को उन्होंने न्याय की मांग में रातभर प्रदर्शन का आह्वान किया और मशाल जुलूस निकाला।
इस पूरे विवाद से तिलोत्तमा के पिता का गुस्सा साफ झलक रहा है। उनका मानना है कि आंदोलन का असली उद्देश्य न्याय की मांग राजनीतिक स्वार्थ के पीछे दब रहा है।