बांसवाड़ा, 11 जनवरी। विश्व हिन्दी दिवस पर श्रीराम भक्त मण्डल एवं ठीकरिया ग्रामवासियों तथा उजास परिवार के संयुक्त तत्वावधान में ठीकरिया स्थित श्रीराम वाटिका में आयोजित प्रथम सनातनी साहित्य समागम और श्रीराम काव्य महोत्सव बुधवार देर रात सम्पन्न हुआ। रचनाकारों की रचनाएं प्रभु श्रीराम की भक्ति से सराबोर रही।

अपनी तरह के इस पहले एवं अनूठे आयोजन में जिले की विभिन्न धार्मिक, समाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्थाओं के पदाधिकारियों, सदस्यों, बुद्धिजीवियों और धर्मानवलम्बियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान् दो दर्जन से अधिक प्रमुख साहित्यकारों ने श्रीराम एवं अयोध्या राम मन्दिर पर केन्द्रित रचनाएं गुंजाकर माहौल को रामभक्ति से सराबोर कर दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ बड़ा रामद्वारा के प्रमुख संत रामप्रकाशजी ‘रामस्नेही’ महाराज द्वारा वाल्मीकि कृत रामायण और गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरित मानस पोथी पूजन व दीप प्रज्वलित कर किया। आयोजकों की ओर से प्रमुख समाजसेवी नवीन त्रिवेदी एवं पूर्व सरपंच नारेंग डोडियार द्वारा अतिथियों का उपरणा ओढ़ाकर मुख्य अतिथि संत रामप्रकाश महाराज का अभिनन्दन किया गया।

महोत्सव के दौरान् समाज-जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में रचनात्मक कर्मयोग दर्शाने वाली प्रतिभाओं का संत रामप्रकाश रामस्नेही महाराज द्वारा उपरणा ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में भारतीय किसान संघ के जिला महामंत्री विट्ठल डी. आचार्य, समाजसेवी नवीन त्रिवेदी, ठीकरिया ग्राम पंचायत सरपंच परिवार से नारेंग डोडियार, संजय डोडियार, रीता डोडियार, पूर्व उपसरपंच गिरीश रख, श्रीराम वाटिका के संचालक शैलेन्द्र रख, महालक्ष्मी संगीत साधना केन्द्र के सूर्यकान्त त्रिवेदी, सरला त्रिवेदी, निष्णात पाकशास्त्री नवीन चन्द्र रख, आनन्दलाल गर्ग (छींछ), धर्मेन्द्र ठाकुर, लोकेश त्रिवेदी, विजय गर्ग, पूर्व शिक्षा अधिकारी महेन्द्र त्रिवेदी, चिन्तक जलज जानी, बिट्स एण्ड बाईट्स की प्रतिभा जैन और मनीष जैन, उत्तम मेहता, उत्सव जैन, वनेश्वर गर्ग ‘हैडमाड़साब’, गायिका पूजा तारेश दवे, अनिल पटेल (सुरवानिया) आदि शामिल थे।

महोत्सव में काव्यधाराओं की शुरूआत आध्यात्मिक गायक वीरेन्द्र सिंह राव ने राग दरबारी में ‘और नहीं कछु काम है भरोसे अपने राम के…’ भजन से की। उजास परिवार संस्थापक भंवर गर्ग ‘मधुकर’ ने रामचरित मानस और रामायण संदर्भित श्लोक-चौपाई और दोहों से संचालन किया। आभार प्रदर्शन उजास परिवार की अध्यक्ष मीनाक्षी गर्ग ने किया।

इस अवसर पर बड़ा रामद्वारा बांसवाड़ा के प्रमुख संत रामप्रकाश रामस्नेही महाराज ने अपने उद्बोधन में आयोजन की प्रशंसा की और प्रभु श्री राम भक्ति के सूत्रों और जीवन पद्धति को अपनाकर मर्यादाओं का परिपालन करते हुए विश्व कल्याण में भागीदारी का आह्वान किया।

मुख्य अतिथि संत रामप्रकाश रामस्नेही महाराज ने सभी रचनाकारों कलाकारों और अतिथियों तथा सहयोगियों को उपरणा पहना कर अभिनन्दन किया तथा शिव कृपा फोटो फ्रेमिंग प्रतिष्ठान के संचालक सुभाष उपाध्याय द्वारा अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर नवनिर्मित मन्दिर पर सृजित अभिराम तस्वीर भेंट की।

श्रीराम काव्य महोत्सव में जीजीटीयू कुलगीत रचयिता कवि हरीश आचार्य, रंगकर्मी गीतकार सतीश आचार्य, शिक्षाविद् प्रकाश पण्ड्या, अमिता शर्मा, सारिका भुवन त्रिवेदी (छींछ), गज़लकार तारेश दवे, सूर्यकरण सोनी ‘सरोज’ (करजी), हरीशचन्द्र सिंह (गनोड़ा), गीतकार मयूर पंवार (दानपुर), राम पंचाल ‘भारतीय’ (पांचलवासा), दिव्यांश जोशी (सुरवानिया), हेमन्त पाठक ‘राही’, प्रांजल जोशी, कमलेश कमल, नरेन्द्र मदनावत, मोहनदास वैष्णव, बृजमोहन द्विवेदी ‘तूफान’, डॉ. संजय आमेटा, नरेन्द्र नन्दन, प्राची पाठक, महेश पंचाल ‘माही’, सन्देश जैन और भाविक श्रीमाली आदि प्रमुख रचनाकारों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से रामभक्ति का ज्वार उमड़ा दिया।

काव्य महोत्सव में सृजनकारों ने देर रात तक अपनी प्रस्तुतियां दी, जिसमें गायत्री मण्डल, सार्थक संस्थान, दीपशिखा साहित्य संगम, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, राष्ट्रीय कवि संगम, माँ सरस्वती साहित्य परिषद, मानस मण्डल, निरंकारी सत्संग मण्डल, राष्ट्रीय काव्य सुधा परिवार, व्हाली वागड़ी नू मान, हिन्दी साहित्य भारती, कलश साहित्य कला संस्थान, दरियाव मण्डल, सर्व सनातन जागरण मंच आदि संस्थान के पदाधिकारियों, सदस्यों ने भाग लिया।

इस अवसर पर गायत्री मण्डल के सह सचिव सुभाष भट्ट, विनोद आर. त्रिवेदी, हरीश व्यास, नरहरिकान्त त्रिवेदी, दिनेशचन्द्र शुक्ला, सुभाष पण्ड्या, हीरालाल उपाध्याय, जितेन्द्र व्यास, मनोज शुक्ला, जयप्रकाश व्यास, रवि व्यास, महेन्द्र व्यास, हर्षित रख, राजेन्द्र भट्ट, भगवतीशंकर ठाकोर, डूंगर देवड़ा, विष्णुप्रसाद त्रिवेदी आदि गणमान्य नागरिकों ने रामायण का पूजन किया।

इस अवसर पर कवि श्याम अश्याम और भाषा विशेषज्ञ डॉ. एल.डी. जोशी को उनकी जयन्ती पर स्मरण करते हुए साहित्यकारों द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।