शिलांग, 10 जुलाई। मेघालय सरकार ने राज्य की न्यायिक और पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए तीन नये आपराधिक कानूनों को लागू कर दिया है। इसके साथ ही, ग्रुप डी पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार (इंटरव्यू) की प्रक्रिया को समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। यह कदम भारत सरकार के निर्देशों और मेघालय उच्च न्यायालय की सहमति के तहत उठाया गया है।

कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए तीन प्रमुख फ्रेमवर्क हैं- मेघालय ई-साक्ष्य प्रबंधन नियम, 2025 : भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसई) के अंतर्गत लाया गया यह नियम सभी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को मोबाइल एप पर अपलोड करने का प्रावधान करता है। साक्ष्य को 16 अंकों के सुरक्षित कोड से जोड़ा जाएगा और इसे अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली (सीसीटीएनएस) और अंतर–प्रचलित आपराधिक न्याय प्रणाली (आईसीजेएस) से लिंक किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि साक्ष्य ट्रायल के दौरान सुरक्षित और छेड़छाड़-रहित रहें।

मेघालय सामुदायिक सेवा दिशा-निर्देश, 2025: यह नियम अदालतों को छोटे अपराधों के दोषियों को जेल के स्थान पर सामुदायिक सेवा जैसे-अस्पतालों की सफाई, सरकारी स्कूलों में कक्षाएं साफ करना, पुस्तकालयों में पुस्तकों को व्यवस्थित करना या वन विभाग के कार्यों में भागीदारी का आदेश देने की अनुमति देगा।

मुख्यमंत्री संगमा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर जानकारी देते हुए कहा, “ये सुधार राज्य में न्याय प्रक्रिया को अधिक तकनीकी और पारदर्शी बनाएंगे।”

इसके अलावा,कैबिनेट ने ग्रुप डी पदों के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया को समाप्त करने का फैसला भी लिया।यह निर्णय भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और भारत सरकार के कार्मिक विभाग की दिशा-निर्देशों के अनुरूप लिया गया है। —————