
रांची, 29 जुलाई । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने देवघर सड़क हादसे में कावरियों की मौत के बाद राज्य सरकार की ओर की गई मुआवाजे की घोषणा पर सवाल खड़े किए हैं।
बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को कहा है कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार समुदाय विशेष के लोगों की मौत पर तीन लाख और कांवड़ियों की मौत पर सिर्फ 1 लाख रुपये मुआवजा देती है। हेमंत सरकार तुष्टीकरण में कितना डूबी है, यह इसके सभी निर्णयों में साफ साफ झलकता है।
मरांडी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि अभी हाल ही में रामगढ़ के आफताब अंसारी की मौत का हौआ खड़ा कर स्वास्थ्य मंत्री ने उसके परिजन को तीन लाख रुपये की मुआवजा राशि घोषित की। आज तो इस संबंध में सरकार की पोल खुल गई। स्वास्थ्य मंत्री जिसे मॉब लिंचिंग बता रहे थे, उन्हीं के विभाग ने पोस्टमार्टम कर आफताब की मौत को पानी में डूबने से बताया है।
बाबूलाल ने कहा कि अब तो स्वास्थ्य मंत्री की डिग्री भी संदेह के घेरे में है। मंत्री ने वोट बैंक के लिए सब कुछ ताख पर रखते हुए तीन लाख मुआवजा की घोषणा की। दुर्भाग्य जनक स्थित यह है कि आज जब बाबाधाम की पूजा कर लौट रहे कांवड़ियों की दुर्घटना में मौत हुई, तो यह सरकार मात्र एक-एक लाख रुपए मुआवजा की घोषणा करती है। स्पष्ट है कि राज्य सरकार की नजरों में एक कांवरिया का कितना महत्व है।