
नई दिल्ली, 17 मई । उत्तर-पश्चिम जिले की फॉरेनर्स सेल ने एक विशेष अभियान के दौरान तीन अवैध रूप से भारत में रह रही बांग्लादेशी महिलाओं को महेन्द्रा पार्क क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। इनमें से एक महिला खुद को ट्रांसजेंडर बताकर पश्चिम बंगाल की निवासी के रूप में इलाके में पहचान बना चुकी थी और सड़क किनारे मोमोज की रेहड़ी लगाकर खुद को छुपा रही थी।
उत्तर-पश्चिम जिले के पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह ने शनिवार को बताया कि उनके पास से दो स्मार्टफोन बरामद किए गए हैं। इसमें प्रतिबंधित आईएमओ एप इंस्टॉल था, जिसका उपयोग वे बांग्लादेश में अपने परिजनों से बातचीत के लिए करती थीं। इसके अलावा एक की-पैड मोबाइल फोन भी बरामद हुआ है। उन्होंने बताया कि फॉरेनर्स सेल की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि आरोपितों में से दीपा नाम से जानी जाने वाली एक युवती ने फेसबुक पर एक भारतीय युवक से दोस्ती की थी। बातचीत बढ़ने पर वह अवैध रूप से बांग्लादेश से सीमा पार कर भारत में दाखिल हुई। युवक ने उसे पश्चिम बंगाल में रिसीव किया और फिर वे दिल्ली में एक किराए के मकान में साथ रहने लगी। पड़ोसी उसे पश्चिम बंगाल की स्थानीय युवती मानते थे। पकड़ी गईं महिलाओं की पहचान अलीना (22 ), तंजीना रहमान उर्फ दीपा (22) और सुहान खान (30) के रूप में हुई है। पुलिस ने तीनों महिलाओं को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए एफआरआरओ आरके पुरम को सौंप दिया है।
डीसीपी के अनुसार मई 2025 में सोशल मीडिया पर संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों का विश्लेषण शुरू किया गया। एक फेसबुक रील के जरिए उन्हें महेन्द्रा पार्क इलाके की एक गली की पहचान हुई। इसमें एक आइसक्रीम रेहड़ी को दिखाया गया था। उसी वीडियो के आधार पर पुलिस ने करीब 50 गलियों की तलाशी ली और आखिरकार संदिग्ध महिला को पकड़ लिया। ‘दीपा’ नाम से रह रही युवती से पूछताछ के बाद दो अन्य बांग्लादेशी महिलाओं की भी पहचान हुई और उन्हें हिरासत में लिया गया। शुरू में दोनों महिलाओं ने खुद को भारतीय नागरिक बताने की कोशिश की, लेकिन मोबाइल फोन की जांच और पूछताछ में सच्चाई सामने आ गई। तीनों ने यह कबूल किया कि वह बेनापुर बॉर्डर के रास्ते से भारत में आई। यहां वे अपने-अपने पुरुष साथियों के साथ लिव-इन में रह रही थीं।———