कोलकाता, 11 मार्च । ”जो लोग भ्रष्ट हैं उन्हें शीघ्र सजा देने की जरूरत है।” अन्यथा न्याय व्यवस्था अर्थहीन हो जायेगी। कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस जयमाल्य बागची ने भर्ती मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को यह टिप्पणी की। उन्होंने सीबीआई को त्वरित सुनवाई की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। केंद्रीय जांच एजेंसी को तीन हफ्ते के अंदर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी है।
भर्ती मामले में गिरफ्तार कुंतल घोष और नीलाद्रि साहा की जमानत याचिका पर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। उनकी जमानत अर्जी अभी मंजूर नहीं हुई है। कोर्ट ने इस बावत सीबीआई से रिपोर्ट मांगी है। न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद की जायेगी। इनमें दो आरोपितों के खिलाफ सीबीआई को जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी है।
हाईकोर्ट ने भर्ती मामले में अब तक सुनवाई शुरू नहीं होने पर नाराजगी जताई है। जस्टिस बागची की टिप्पणी, ”अगर मुक़दमा शुरू कर आरोपितों को सज़ा नहीं सुनाई गई तो पूरा मामला हास्यास्पद हो जाएगा। ”
भर्ती मामले में सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। हालांकि, कुछ और जांचें लंबित हैं, ऐसा सीबीआई वकील ने कोर्ट में कहा है। इस पर जज ने नाराजगी जताई। उन्होंने सीबीआई से कहा, ”आप सुनवाई जल्दी क्यों नहीं शुरू करवा रहे हैं ? यदि सज़ा नहीं सुनाई गई तो भ्रष्टाचार माफ कर दिया जाएगा। जापान, सिंगापुर बहुत विकसित देश हैं। वे भ्रष्टाचार को दंडित करने में तत्पर हैं। अगर इस मामले में भ्रष्टाचार साबित होता है तो मुकदमा क्यों नहीं शुरू किया जा सकता?
जज के सवाल के जवाब में सीबीआई के वकील अमाजीत दे ने कहा कि आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। अतिरिक्त आरोप पत्र भी उपलब्ध करा दिया गया है। बहुत कम जांच बाकी है। इसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा।