बुलंदशहर, 16 जून। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा संविधान न कभी खतरे में था और न कभी होगा। भारत में कानून का शासन है और यह भारत की हजारों साल पुरानी परंपरा है। रविवार को अपने पैतृक जिला बुलंदशहर पहुंचे आरिफ मोहम्मद खान ने यहां कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी गठबंधन की तरफ से संविधान के खतरे में होने का डर दिखाए जाने की बात पर कहा कि संविधान में समय-समय पर संशोधन होते रहे हैं और संविधान का जो मूल ढांचा है उसकी अपनी एक पवित्रता है।
आरिफ मोहम्मद खान ने जम्मू कश्मीर के हालिया आतंकी घटनाओं पर कहा कि इसका नई सरकार के गठन से कोई लेना-देना नहीं है। पहली बार कश्मीर में इतनी बड़ी संख्या में लोग वोट करने के लिए घरों से निकले और कश्मीर में तेजी के साथ स्थिति सामान्य हो रही है। आतंकवाद समर्थक नेता कहा करते थे कि कश्मीर के लोग साथ नहीं हैं लेकिन अब जिस प्रकार से जम्मू कश्मीर में इतने बड़े पैमाने पर वोटिंग हुई है, उससे इन लोगों को लगता है कि सिचुएशन उनके हाथ से निकल रही है।
केरल की त्रिशूर सीट से भाजपा के टिकट पर जीते सुरेश गोपी के इंदिरा गांधी को मदर ऑफ इंडिया वाले बयान पर खान ने कहा कि राजनीति में दुश्मनी नहीं होती। लोकतंत्र में विरोधियों के लिए भी सम्मान होना चाहिए। डेमोक्रेसी में दुश्मनी का भाव नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान कश्मीर के मामले में भारत के डेलिगेशन को अटल जी ने लीड किया था।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि देश की तरक्की का रास्ता शिक्षा से होकर जाता है और शिक्षा से ही शक्ति आती है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति को पूरी दुनिया ने शिक्षा की संस्कृति माना है। यदि भारत ज्ञान की बात करता है तो कोई नई बात नहीं कर रहा है। हम सिर्फ अपनी खोई हुई विरासत को पुनर्जीवित कर रहे हैं।