नई दिल्ली, 15 अगस्त । देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने ध्वजारोहण कर समारोह का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर एनसीसी कैडेटों के प्रभावशाली परेड की सलामी भी ली।

प्रो. सिंह ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को अब परफॉर्मर की आवश्यकता है, क्योंकि गरीबी और अशिक्षा को जड़ से समाप्त करना है। उन्होंने एक ऐसे भारत की कल्पना की जहां “अभाव का अभाव” हो और यह लक्ष्य केवल और केवल शिक्षा के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है और इसके लिए सामाजिक समरसता आवश्यक है। कुलपति ने इसे शिक्षकों की जिम्मेदारी बताया कि वे छात्रों को इस दिशा में प्रेरित करें।

प्रो. सिंह ने विश्वविद्यालय को हाल ही में प्राप्त एनएएसी ए++ ग्रेडिंग का जिक्र करते हुए इसे सामूहिक प्रयास का परिणाम बताया और सभी को बधाई दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर भी प्रसन्नता जताई और कहा कि इस अभियान ने भारत के स्वाभिमान की रक्षा की है। भारत ने संकट की घड़ी में एकजुट होकर साहसिकता दिखाई और यह भारत के बदलते स्वरूप का प्रतीक है।

कुलपति ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विदेशी दबाव में आए बिना देशहित में फैसले लिए हैं चाहे वह सिंधु जल समझौता हो या कृषि क्षेत्र से जुड़ा बाजार।

समारोह के अंत में रजिस्ट्रार डॉ विकास गुप्ता ने बताया कि एक से 15 अगस्त तक विश्वविद्यालय में स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें तीन कॉलेजों को श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। मिरांडा हाउस को प्रथम, हंसराज कॉलेज को द्वितीय और शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज को तृतीय पुरस्कार मिला।

कार्यक्रम के दौरान देशभक्ति गीतों की भी प्रस्तुति दी गई और विश्वविद्यालय की रैंकिंग में उत्कृष्ट योगदान के लिए डीन रैंकिंग प्रो. मुकेश महलावत को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डीन ऑफ कॉलेजेज प्रो. बलराम पाणी, प्रो. रजनी अब्बी, प्रो. पायल मागो, प्रो. संजय कुमार सहित अनेक शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।