कोलकाता, 30 सितंबर । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बागडोगरा हवाई अड्डे पर चाय श्रमिकों द्वारा पहाड़ों में 12 घंटे की हड़ताल को राजनीतिक रूप से प्रेरित अशांति का प्रयास करार दिया। सोमवार को उन्होंने कहा कि श्रमिकों की बोनस से संबंधित समस्या का समाधान त्रिपक्षीय बैठक से होगा और श्रम विभाग इस मामले को देख रहा है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कहा कि किसी भी तरह का बंद नहीं हो रहा है। बंगाल में बंद का कोई स्थान नहीं है। यह सिर्फ राजनीतिक तौर पर अशांति फैलाने की कोशिश है। उन्होंने आगे कहा कि श्रमिकों की बोनस समस्या का समाधान श्रम आयोग के माध्यम से किया जाएगा और सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री रविवार को उत्तर बंगाल में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने सिलीगुड़ी पहुंची थीं। वहां उन्होंने एक प्रशासनिक बैठक की और सोमवार दोपहर को बागडोगरा के रास्ते कोलकाता वापस लौटीं। इसी दौरान पहाड़ों में चाय श्रमिक संगठनों ने हड़ताल का आह्वान किया, जिसके चलते दार्जिलिंग में सुबह से सन्नाटा छाया रहा। कुछ जगहों पर हल्की अशांति की खबरें भी आईं। पहाड़ों में इस तरह की स्थिति लगभग आठ साल बाद देखने को मिल रही है।
चाय श्रमिकों के 20 प्रतिशत बोनस की मांग और मालिकों के 13 प्रतिशत के प्रस्ताव को लेकर यह विवाद चल रहा है। पूजा के बोनस को लेकर कई बार बातचीत हुई, लेकिन समाधान नहीं निकला। मालिक पक्ष 13 प्रतिशत पर अड़ा हुआ है, जबकि श्रमिक 20 प्रतिशत बोनस की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर चाय श्रमिक संगठनों ने 12 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया, जिससे कामकाज ठप रहा। कई जगहों पर श्रमिकों ने प्रदर्शन किया और सड़कों पर बैठकर विरोध जताया। खासतौर पर रोहिणी और कर्सियांग में सड़कों को अवरुद्ध कर वाहनों को रोकने की खबरें आईं। हालांकि, पुलिस पहाड़ों में जनजीवन को सामान्य बनाए रखने के लिए सक्रिय रही।