
रांची, 12 जून । राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि वनवासी बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। यदि उन्हें अवसर और मार्गदर्शन मिले तो वह भी राष्ट्र को गौरवान्वित कर सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि वनवासी क्षेत्रों में शिक्षा का प्रचार-प्रसार सदैव एक बड़ी चुनौती रहा है। दूरस्थ गांवों की भौगोलिक स्थिति, सीमित संसाधन, सामाजिक संकोच और आर्थिक बाधाओं के बावजूद यदि कोई संगठन निःस्वार्थ भाव से शिक्षा के दीप जलाता है, तो वह केवल विद्यालय नहीं, अपितु भविष्य, आत्मबल और सामाजिक दिशा भी गढ़ता है।
राज्यपाल गुरुवार को राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने वनवासी कल्याण केंद्र से संबद्ध श्रीहरि वनवासी विकास समिति की सराहना की। उन्होंने जनजातीय अंचलों में शिक्षा, संस्कार और सामाजिक जागरण के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए प्रसन्नता व्यक्त की। समिति की ओर वर्तमान में राज्य के 11 जिलों के 6 प्रखंडों में 80 सरस्वती शिशु विद्या मंदिर संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 26 उच्च विद्यालय तथा 54 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय शामिल हैं। इन विद्यालयों में 17,500 से अधिक छात्र-छात्राएं, 1951 गांवों से आकर अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने इन विद्यालयों की शैक्षणिक उपलब्धियों को अत्यंत प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा में सम्मिलित 1266 छात्रों में से 28 छात्रों ने 90 प्रतिशत से अधिक, जबकि 68 छात्रों ने 85 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किए हैं। उन्होंने सिमडेगा की भारती कुमारी एवं सुमंत सिंह के जिला टॉपर बनने, अनुज कुमार साहू के जिला में चतुर्थ स्थान और गुमला की सोनी कुमारी के जिला में पंचम स्थान प्राप्त करने को वनवासी प्रतिभा की सशक्त अभिव्यक्ति बताया।
राज्यपाल ने तपकरा विद्यालय के पूर्व छात्र सोहन यादव का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि उनका इसरो में वैज्ञानिक के रूप में चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 जैसे ऐतिहासिक अभियानों में योगदान देना यह सिद्ध करता है कि यदि अवसर और मार्गदर्शन मिले, तो वनवासी बच्चे भी राष्ट्र को गौरवान्वित कर सकते हैं। उनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्होंने समिति की ओर से संचालित निःशुल्क निर्माण कोचिंग सेंटर के माध्यम से संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोग जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में किए जा रहे योगदान की सराहना की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वनवासी कल्याण केंद्र केवल पाठशालाओं तक सीमित न रहकर, सामाजिक उत्थान, ग्राम विकास, स्वास्थ्य, संस्कार, राष्ट्रभावना और नेतृत्व निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी कार्य कर रहा है, जो अत्यंत सराहनीय है।
इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा विवेकानंद विद्यालय, लचरागढ़ (सिमडेगा) के लिए प्रदत्त दो नवीन स्कूल बसों को झंडी दिखाकर शुभारंभ किया गया।