
नई दिल्ली, 07 अगस्त । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने संसद में बताया कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने बताया कि देश में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर वर्ष 2014 में 51 प्रति 1000 बच्चे थी जो वर्ष 2022 में घट कर 34 प्रति 1000 बच्चे हो गई है।
अनुप्रिया पटेल ने यह जानकारी राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी की सदस्य इंदु गोस्वामी के सवाल के जवाब में दी। मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से शून्य से 18 साल के बच्चों की आंगनबाड़ी केंद्रों पर साल में दो बार मोबाइल हेल्थ टीम द्वारा कम्युनिटी स्क्रीनिंग की जाती है जबकि इन बच्चों की सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में साल में एक बार मोबाइल हेल्थ टीम द्वारा कम्युनिटी स्क्रीनिंग की जाती है। नवजात बच्चों की आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर पर स्क्रीनिंग की जाती है तथा किसी बीमारी से ग्रसित बच्चों को नज़दीक के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने और उन्हें व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए कार्यक्रम शुरू किये गए हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 18 साल तक उम्र के बच्चों को जन्म के समय त्रुटि, बीमारी, कमी या उनके शारीरिक विकास में देरी जैसी 32 सामान्य बिमारियों को पहचान करके उनका मुफ्त इलाज और ऑपरेशन किया जाता है।