हांगकांग, 31 मार्च । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दो अप्रैल के ‘मुक्ति दिवस’ पर सारी दुनिया की नजर है। वह दो अप्रैल को अपनी मुक्ति दिवस (योजना) घोषणा के अंतर्गत नए टैरिफ की शुरुआत करेंगे। इस योजना में सेमीकंडक्टर, माइक्रो चिप्स, फार्मास्यूटिकल्स और विदेशी वाहनों पर 25 प्रतिशत टैरिफ शामिल हैं। वह चीन के खिलाफ सबसे अधिक टैरिफ 60 प्रतिशत तक की घोषणा कर सकते हैं। इस बात की प्रबल संभावना है कि इससे बीजिंग के साथ वाशिंगटन के बीचा व्यापार युद्ध तेज हो जाएगा।

सीएनएन न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, ट्रंप के मुक्त दिवस ने चीन को उलझन में डाल दिया है। ट्रंप ने अपने इस अभियान के दौरान चीन को अमेरिका में आने वाले सभी चीनी सामानों पर 60 प्रतिशत से अधिक शुल्क (टैरिफ) लगाने की धमकी दी है। संभावना है वह इसकी घोषणा बुधवार को कर सकते हैं। ट्रंप ने रविवार को एयर फोर्स वन में बातचीत के दौरान सुझाव दिया कि वह चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिक टॉक की बिक्री पर व्यापक सौदेबाजी के हिस्से के रूप में टैरिफ को कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह सौदेबाजी पूरी नहीं होती तो वह टैरिफ की घोषणा करेंगे। हालांकि उन्होंने चीन के नेता शी जिनपिंग के साथ बेहतरीन रिश्ते का दावा किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ”शायद मैं इसे पूरा करने के लिए टैरिफ में थोड़ी कमी कर दूं या कुछ और करूं।” इसका मतलब है कि ट्रंप टिक टॉप डील को फाइनल करने के लिए चीन को कुछ फायदा दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह समय पर नहीं हुआ तो वह समय सीमा को पांच अप्रैल से आगे बढ़ा देंगे। ट्रंप ने कहा, ”चीन को इसमें एक भूमिका निभानी होगी, संभवतः मंजूरी के रूप में और मुझे लगता है कि वे ऐसा करेंगे।”

उल्लेखनीय है कि टिक टॉक की मुश्किलें अमेरिका में तब शुरू हुईं, जब एक अमेरिकी कानून में कहा गया कि इस ऐप को अपनी चीनी पैरेंट कंपनी बाइटडांस से अलग होना होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि अमेरिका को डर है कि चीन इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल अमेरिकियों पर नजर रखने या उन्हें प्रभावित करने के लिए कर सकता है। यह कानून 19 जनवरी को लागू हुआ था। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में टिक टॉक के अमेरिकी कामकाज पर रोक लगाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।

इस साल जनवरी में टिक टॉक ने कुछ समय के लिए अमेरिका में काम करना बंद करते हुए इसे ऐप स्टोर्स से इसे हटा दिया गया था। इससे लाखों यूजर्स प्रभावित हुए। 20 जनवरी को अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद ट्रंप ने चीन के साथ समाधान खोजने के लिए प्रतिबंध को 75 दिनों के लिए रोक दिया। फरवरी में टिक टॉक ने अमेरिका में अपनी सेवाएं फिर से शुरू कर दीं और एप्पल और गूगल के प्लेटफॉर्म पर वापस आ गया।

हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) परप्लेक्सिटी ने इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। इस अमेरिकी कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि वह अपनी एआई सर्च टेक्नोलॉजी को टिक टॉक के वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ना चाहती है। परप्लेक्सिटी का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को में है। अमेरिकी कंपनी ने कहा, ”परप्लेक्सिटी के आंसर इंजन को टिक टॉक की विशाल वीडियो लाइब्रेरी के साथ मिलाकर हम दुनिया का सबसे अच्छा सर्च एक्सपीरियंस बना सकते हैं।” परप्लेक्सिटी की स्थापना 2022 में अरविंद श्रीनिवास, डेनिस यारात्स, जॉनी हो और एंडी कोनविंस्की ने की थी। इसने सात दिसंबर, 2022 को अपना प्रमुख सर्च इंजन लॉन्च किया था।

टिक-टॉक की अनुमानित कीमत एल्गोरिदम के साथ 100-200 अरब डॉलर (लगभग 8,600-17,000 अरब रुपये) बताई जा रही है। बिना एल्गोरिदम के यह 40-50 अरब डॉलर (लगभग 3,400-4,300 अरब रुपये) हो सकती है। एल्गोरिदम टिक-टॉक का मुख्य आधार है। इसे बेचने की मंजूरी देने की संभावना से चीन की सरकार पहले ही नकार चुकी है। इससे पहले अमेरिका के अरबपति फ्रैंक मैककोर्ट इसे खरीदने का प्रस्ताव कर चुके हैं।