पोखरण/नई दिल्ली, 12 मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजस्थान के पोखरण में तीनों सेनाओं के लाइव फायर और कौशल अभ्यास के रूप में स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के एक संयोजित प्रदर्शन का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को दोहराया और कहा कि विकसित भारत की कल्पना इसके बिना संभव नहीं है।

प्रधानमंत्री ने तीनों सेनाओं के अभ्यास के बाद सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी तोपों, टैंकों, लड़ाकू जहाजों, हेलीकॉप्टर, मिसाइल सिस्टम की गर्जना ही भारत की शक्ति है। हथियार और गोला-बारूद, संचार उपकरण, साइबर और स्पेस तक हम ‘मेक इन इंडिया’ की उड़ान अनुभव कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “भारत शक्ति का उत्सव राजस्थान में हो रहा है लेकिन इसकी गूंज सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है।”

पोखरण को भारत के परमाणु हथियारों के परीक्षण स्थली के रूप में जाना जाता है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि पोखरण एक बार फिर भारत की आत्मनिर्भरता, भारत के आत्मविश्वास और भारत के आत्मगौरव की त्रिमूर्ति का साक्षी बना है। पोखरण एक समय में भारत की परमाणु शक्ति का गवाह बना था। आज स्वदेशीकरण के माध्यम से सशक्तिकरण की शक्ति का गवाह बन गया है।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में देश की उपलब्धि पर उन्होंने कहा कि आज देश में उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में डिफेंस कॉरीडोर बन रहे हैं। इनमें अब तक 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हुआ है। आज हेलीकॉप्टर बनाने वाली एशिया की सबसे बड़ी फैक्टरी भारत में काम करना शुरू कर चुकी है। बीते 10 वर्षों में भारत ने अपना लड़ाकू हवाई जहाज बनाया है। भारत ने अपना एयरक्राफ्ट कैरियर बनाया है। सी295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारत में बनाए जा रहे हैं। आधुनिक इंजन का निर्माण भी भारत में होने वाला है।

उन्होंने कहा कि भविष्य में भारत की सेना और भारत का डिफेंस सेक्टर बहुत बड़ा होने वाला है। इसमें युवाओं के लिए रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर बनने वाले हैं। कभी भारत दुनिया का सबसे बड़ा डिफेंस इम्पोर्टर हुआ करता था। आज भारत डिफेंस सेक्टर में भी एक बड़ा निर्यातक बनता जा रहा है। आज भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 2014 की तुलना में 8 गुना से ज्यादा बढ़ चुका है।

भारत शक्ति अभ्यास में देश की शक्ति के प्रदर्शन के रूप में स्वदेशी अस्त्र प्रणालियों और प्लेटफॉर्मों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की गई। यह देश की आत्मनिर्भरता पहल पर आधारित है।