
उदयपुर, 19 दिसंबर। लोककलाओं के महासंगम शिल्पग्राम उत्सव की शुरुआत 21 दिसंबर (रविवार) को उदयपुर में होगी। राजस्थान के राज्यपाल एवं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के अध्यक्ष हरिभाऊ किसनराव बागड़े नगाड़ा बजाकर उत्सव का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत करेंगे, जबकि पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचन्द कटारिया अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी. जोशी, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन एवं उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा भी मौजूद रहेंगे। प्रथम दिवस दोपहर 3 बजे से प्रवेश निःशुल्क रहेगा।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में बताया कि शिल्पग्राम उत्सव देश का संभवतः ऐसा एकमात्र आयोजन है, जहां लोक कलाओं की प्रस्तुतियों से दर्शक अत्यंत भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं। दस दिवसीय इस उत्सव में देश के 22 राज्यों के लगभग 900 लोक कलाकार भाग लेंगे और 91 आर्टिस्ट ग्रुप्स द्वारा 82 से अधिक लोककलाओं की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। प्रतिदिन मुख्य मंच के साथ-साथ विभिन्न छोटे मंचों पर नई-नई प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगी।
इस वर्ष डॉ. कोमल कोठारी स्मृति लाइफटाइम अचीवमेंट लोक कला पुरस्कार राजकोट (गुजरात) के डॉ. निरंजन वल्लभभाई राज्यगुरु एवं जयपुर (राजस्थान) के वरिष्ठ अलगोजा वादक रामनाथ चौधरी को प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक कलाकार को रजत पट्टिका एवं 2.51 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। यह पुरस्कार प्रसिद्ध कला मर्मज्ञ पद्मश्री डॉ. कोमल कोठारी की स्मृति में दिया जाता है।
उत्सव में पत्थरों में तराशे गए 12 विशेष स्कल्पचर, घूमर नृत्य करती प्रतिमाएं, फतेहसागर, सहेलियों की बाड़ी एवं सज्जनगढ़ के मिनिएचर मॉडल, फोटोग्राफी प्रतियोगिता की चयनित तस्वीरें और वर्षभर की कार्यशालाओं में बनी पेंटिंग्स प्रदर्शित की जाएंगी। शिल्पग्राम का मुख्य द्वार सहरिया जनजाति की चित्रकारी से सजाया गया है, वहीं पूरा परिसर मांडणे और राजस्थानी लोक थीम से सुसज्जित किया गया है।
22 से 29 दिसंबर तक ‘हिवड़ा री हूक’ कार्यक्रम के अंतर्गत दर्शकों की सहभागिता से प्रस्तुतियां एवं सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी होंगी। इसके साथ ही ट्राइबल मास्क, पेपरमैशी और कठपुतली की दस दिवसीय कार्यशालाएं तथा 21 से 25 दिसंबर तक ‘विजन भारत 2047’ थीम पर नेशनल पेंटिंग सिम्पोजियम का आयोजन किया जाएगा।
मेले में लगभग 400 क्राफ्ट स्टॉल्स लगेंगी, जहां 800 शिल्पकार अपने उत्पाद प्रस्तुत करेंगे। चार फूड ज़ोन में 12 राज्यों के व्यंजनों का स्वाद मिलेगा। कारीगरों द्वारा मौके पर कारीगरी का लाइव प्रदर्शन और लोककला पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का स्क्रीनिंग भी आकर्षण का केंद्र रहेगा।
पहले दिन राजस्थानी लोकगीतों का मेडले, लावणी-कथक फ्यूजन और 14 राज्यों के 200 कलाकारों द्वारा कोरियोग्राफ नृत्य प्रस्तुति दी जाएगी। उत्सव के दौरान प्रतिदिन शाम 6 बजे से मुख्य मंच पर विशेष कार्यक्रम होंगे, जिनमें देशभर की समृद्ध लोक परंपराओं की झलक देखने को मिलेगी।







