
नयी दिल्ली, 04 जुलाई । केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत सभी कर लाभों को नई एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के लिए भी लागू करने का फैसला लिया है। एनपीएस के तहत उपलब्ध सभी कर लाभ यूपीएस पर लागू होंगे। नई पेंशन योजना को आसान बनाने के लिए पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने इस वर्ष 19 मार्च को जरूरी नियम और विनियम जारी किये थे।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक अब नवीनतम निर्णय के साथ सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यूपीएस चुनने वाले कर्मचारियों को एनपीएस के तहत उपलब्ध समान कर राहत और प्रोत्साहन मिलेगा। इसमें योगदान पर कटौती और अन्य कर-बचत लाभ शामिल हैं, जो इस योजना को वित्तीय रूप से अधिक आकर्षक बनायेगा। यह निर्णय दोनों योजनाओं के बीच समानता लाएगा और पारंपरिक एनपीएस के बजाय यूपीएस चुनने वाले कर्मचारियों के लिए समान अवसर प्रदान करेगा। यूपीएस को कर ढांचे के अंतर्गत शामिल करना केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास है।
एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) भारत में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक पेंशन योजना है, जिसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के साथ एक विकल्प के रूप में पेश किया गया है। इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति के पश्चात पूर्वानुमानित और सुरक्षित अधिक आय प्रदान करना है। इस योजना में एक सुनिश्चित पेंशन के लिए सरकार कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 18.5 फीसदी और कर्मचारी 10 फीसदी योगदान देता है। यह योजना नए कर्मचारियों के साथ साथ एनपीएस लेने वाले पुराने कर्मचारियो एनपीएस छोड़ कर यूपीएस का विकल्प अपनाने की छूट देती है।
एकीकृत पेंशन योजना को इस साल की शुरुआत में 1 अप्रैल से केंद्र सरकार की सिविल सेवाओं में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए एनपीएस के तहत एक विकल्प के रूप में पेश किया गया था।