
ओंकारेश्वर में संग्रहालय की स्वीकृति पर कर्नाटक के श्री श्रृंगेरी शारदा पीठम ने मुख्यमंत्री डॉ. माेहन यादव का जताया आभार, मठ में आने का दिया आमंत्रण
भोपाल, 14 जून । ओंकारेश्वर स्थित एकात्म धाम में ‘अद्वैत लोक कला संग्रहालय’ के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 2195 करोड़ राशि स्वीकृत करने पर कर्नाटक के श्री श्रृंगेरी शारदा मठ प्रशासन ने आभार जताया है। इस सबंध में श्रृंगेरी शारदा पीठम के प्रशासक पीए मुरली ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में आयोजित कैबिनेट बैठक में अद्वैत लोक संग्रहालय को एकात्मता के वैश्विक केन्द्र (ए ग्लोबल सेंटर ऑफ वननेस) के रूप में विकसित करने का निर्णय ऐसिहासिक है।
उन्होंने राज्य सरकार के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री का यह प्रयास न केवल जगद्गुरु आदि शंकराचार्य की कालातीत शिक्षाओं को समर्पित एक भव्य स्मृति स्वरूप है, बल्कि समूचे विश्व में अद्वैत वेदांत के प्रकाश-स्तंभ के रूप में कार्य करेगा। ओंकारेश्वर में एकात्म धाम के अंतर्गत प्रथम चरण में 108 फीट ऊंची आदि शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा (स्टैचू ऑफ़ वननेस) का लोकार्पण भी श्रृंगेरी मठ के वेदज्ञ पंडितों और विद्वानों के लिए गर्व का विषय है। इसके साथ ही मुरली ने श्रृंगेरी शारदा पीठम की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. माेहन यादव को श्रृंगेरी मठ में आमंत्रित भी किया।
जगद्गुरु आदि शंकराचार्य ने करीब 1200 वर्ष पूर्व कर्नाटक की पवित्र तुंगा नदी के तट पर श्रृंगेरी मठ की स्थापना की थी। चार पीठों में प्रथम यह मठ, ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी श्री शारदाम्बा की दिव्य उपस्थिति से पावन है। हमेशा से ही यह मठ विद्या, आध्यात्म और परंपरा का पूज्य केंद्र रहा है।
मुख्यमंत्री की मंशा है कि सिंहस्थ : 2028 से पहले ओंकारेश्वर को उज्जैन की तरह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनाया जाए। यह स्थान प्रदेश के धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन परिदृश्य में महत्वपूर्ण महत्व रखता है। —————–