कोलकाता, 09 मार्च । पश्चिम बंगाल विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा चरण दस मार्च से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र कुछ मुद्दों को लेकर हंगामेदार रहने की संभावना है। खासकर जादवपुर विश्वविद्यालय विवाद को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।

दरअसल, एक मार्च को कोलकाता स्थित जादवपुर विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के दौरान दो छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आरोप है कि पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की गाड़ी ने जान-बूझकर इन छात्रों को टक्कर मारी थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी के विधायक मंत्री से विधानसभा में जवाब मांगने की योजना बना रहे हैं। विधानसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक शंकर घोष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं।

हालांकि, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और तीन अन्य बीजेपी विधायक सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्हें पिछले महीने बजट सत्र के पहले चरण के दौरान एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था।

बजट सत्र के दूसरे चरण में राज्य सरकार के कुछ ही विभागों के बजटीय आवंटन पर चर्चा होगी, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, श्रम, पंचायती कार्य, ग्रामीण विकास, नगर निकाय और शहरी विकास विभाग शामिल हैं। लेकिन गृह विभाग जैसे अहम विभाग के बजट पर चर्चा नहीं होगी, जिसे लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं।

बीजेपी का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर गृह विभाग को चर्चा से बाहर रखा है, क्योंकि इससे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को असहज करने वाले कई सवालों का सामना करना पड़ता। गृह विभाग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास ही है, ऐसे में विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बना सकता था।

सत्र के दौरान जिन विभागों पर चर्चा नहीं होगी, उनके बजट को ‘गिलोटिन’ प्रक्रिया के तहत बिना बहस के ही पारित कर दिया जाएगा। विपक्ष का कहना है कि सरकार इस प्रक्रिया के जरिए गृह विभाग से जुड़े अहम सवालों से बचना चाहती है।