दो दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर का केन्द्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ- प्रधानमंत्री की नीतियों से 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से हुए पार: पुष्कर सिंह धामी

देहरादून, 7 अप्रैल । केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ वंचित समुदाय तक पहुंचाने में राज्यों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। चिंतन शिविर का उद्देश्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल बनाना ही है।

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार साेमवार काे देहरादून में दो दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर काे संबाेधित कर रहे थे।इससे पहले केन्द्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस शिविर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि जब आगरा से ऐसे चिंतन शिविराें का सफर शुरू किया गया था, तब उस कार्यक्रम में सिर्फ आठ राज्यों का प्रतिनिधित्व शामिल हुए और मात्र 12 राज्यों के अधिकारी कार्यक्रम में पहुंचे थे। यह शुभ संकेत है कि देहरादून चिंतन शिविर में 15 राज्यों का प्रतिनिधित्व हो रहा है। उन्होंने कहा कि वंचित समुदाय तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में राज्यों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। इस चिंतन शिविर का उद्देश्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल बनाना है। केन्द्रीय मंत्री ने नशामुक्त भारत अभियान का खास तौर पर जिक्र करते हुए कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि छात्र, युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। केंद्र और राज्यों को इस चुनौती से मिलकर निबटना है।

शिविर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य के लिए गौरव का विषय है कि यहां सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण विषय पर राष्ट्रीय स्तर का चिंतन शिविर आयाेजित किया जा रहा है। ये चिंतन शिविर बाबा साहब अंबेडकर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे मनीषियों के चिन्तन का विस्तार भी है। शिविर में संवाद से भविष्य में अपनाई जाने वाली सामाजिक सशक्तिकरण की नीतियों का रोडमैप तैयार होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय एक ओर देशभर के बुजुर्गों, विधवाओं एवं दिव्यांगजनों को विशेष पेंशन देकर उनका जीवन स्तर सुधार रहा है, वहीं छात्रों को छात्रृवत्ति देकर उन्हें अपना भविष्य उज्ज्वल बनाने का अवसर भी दे रहा है। इसी तरह विभिन्न योजनाओं एवं नीतियों के माध्यम से स्वरोजगार और उद्यमिता को प्रोत्साहित कर अति पिछड़े वर्ग को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। नशे की लत से पीड़िताें के लिए जागरुकता कार्यक्रम और पुनर्वास केंद्रों का संचालन भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने के साथ ही पति-पत्नी दोनों को पेंशन दे रही है, पेंशन योजनाओं का भुगतान मासिक आधार पर किया जा रहा है। पेंशन योजनाओं को ऑनलाइन किए जाने के साथ ही अन्त्योदय परिवारों को प्रतिवर्ष तीन गैस सिलेंडर निशुल्क दिए जा रहे हैं। इसी तरह अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 से लेकर बारहवीं तक छात्रवृत्ति देने के साथ ही उनके लिए निशुल्क 15 छात्रावास, 5 आवासीय विद्यालय और 3 आईटीआई भी संचालित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही जनजातीय शोध संस्थान के लिए 1 करोड़ रुपये के कार्पस फंड की भी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने गरीबी उत्थान की विभिन्न योजनाओं को अपने संबोधन में शामिल किया। उन्हाेंने अंत में सभी प्रतिभागियों को आगामी चारधाम यात्रा पर आने का निमंत्रण भी दिया।