नई दिल्ली, 16 नवंबर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि लेखा परीक्षा (ऑडिट) का कार्य अपने आप में समावेशी है। किसी विभाग की कार्य कुशलता, दक्षता और कार्योत्पादकता बढ़ाने में यह मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है। ऐसे में देश में सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाने में ऑडिट की महत्वपूर्ण भूमिका है।

ओम बिरला ने चौथे लेखा परीक्षा दिवस के अवसर पर दिल्ली स्थित सीएजी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश में जवाबदेही, पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देने में सीएजी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने देश की लेखा परीक्षा प्रणाली की सराहना करते हुए कहा, “दुनिया के कई देश आज हमारी लेखा परीक्षा प्रणाली से सीखने के लिए भारत आते हैं। यह हमारी लेखा प्रणाली की प्रामाणिकता दर्शाता है।”

बिरला ने कहा कि सीएजी हमारी लोकतांत्रिक संरचना का प्रमुख भाग है, जिसने यह सुनिश्चित किया है कि सार्वजनिक धन का उपयोग नागरिकों के कल्याण और राष्ट्र के विकास में कुशलतापूर्वक व प्रभावी ढंग से किया जाए।

इसी क्रम में उन्होंने संसद का जिक्र कर कहा कि भारत के लोकतंत्र में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हमारी यह परम्परा रही है कि संसद की लोक लेखा समिति का चेयरपर्सन प्रतिपक्ष का सदस्य ही नियुक्त किया जाता है। सीएजी ने पिछले कुछ समय में कई सकारात्मक पहल की हैं। आज विश्व की अग्रणी लेखा परीक्षा प्रणालियों में प्रतिष्ठित है। नए प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के साथ वित्तीय अनुशासन की दिशा में हमारी ऑडिट प्रणाली में हो रहे निरंतर बदलाव सुखद हैं।