
पलामू, 21 जून । पलामू के युवाओं के लिए शनिवार को अच्छी खबर सामने आयी। चतुर्थवर्गीय पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया विसंगतियों के कारण रोक दी गयी है। राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने इसमें बड़ी भूमिका निभायी। युवाओं की पीड़ा को समझते हुए उन्होंने इस मामले को शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में रखा।
उन्होंने मुख्य सचिव अलका तिवारी से बात कर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया। बाद में मुख्यमंत्री आवास जाकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और नियुक्ति प्रक्रिया की खामियां गिनाईं और अविलंब इस पर रोक लगाने का आग्रह किया।
वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बताया कि झारखंड राज्य में चतुर्थवर्गीय पद पर नियुक्ति के लिए अभी कोई नियमावली नहीं बनी है। इन पदों पर जो भी नियुक्तियां की गई हैं वह बिहार सरकार की ओर से बनायी गई नियमावली के आधार पर ही की जा रही है। बिहार की नियमावली से झारखंड राज्य के लोगों का भला नहीं होगा। आवश्यकता यह है कि चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति के लिए नियमावली बनाकर ही नियुक्ति हो।
लेकिन इस बार परीक्षा को आधार न बनाकर अंकों के आधार पर नियुक्ति के लिए शर्तें निर्धारित की गई है। मंत्री ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों लिखित परीक्षा के आधार पर चौकीदार पद पर नियुक्ति की गई है। वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि यह सर्वविदित है कि प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में राज्य के युवक-युवतियों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। इस दृष्टिकोण से भी यह उचित होगा कि कम से कम चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के पद पर जिलों के लोगों को रोजगार मिले।
मुख्यमंत्री ने इससे संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया कि तत्काल प्रभाव से पलामू जिले में होने वाले चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को रोका जाए। इस बीच सरकार यह तय करेगी कि ऐसी व्यवस्था तय की जाए जिससे राज्य के प्रत्येक जिलों के स्थानीय युवाओं को चतुर्थवर्गीय पदों पर रोजगार का अवसर मिल सके।