श्रीनगर, 6 अप्रैल। सेना ने शनिवार को कहा कि उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिश का उद्देश्य कश्मीर में शांति और चुनाव प्रक्रिया को बाधित करना था।

रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि भारतीय सेना के नेतृत्व में एक संयुक्त अभियान में 5 अप्रैल 2024 को उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया गया।

बयान में कहा गया कि उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ की साजिश रचने और इरादा रखने वाले आतंकवादी समूहों के बारे में पहले ही खुफिया एजेंसियों से कई इनपुट प्राप्त हुए थे। इन सूचनाओं के आधार पर निगरानी और घुसपैठ रोधी ग्रिड की समीक्षा की गई और उसे मजबूत किया गया।

5 अप्रैल की तड़के नियंत्रण रेखा के करीब पहले से सतर्क बैठे जवानों ने आतंकवादियों के एक समूह को सीमा की ओर बढ़ते हुए देखा। अपनी सेनाओं ने लगातार शत्रुतापूर्ण गतिविधियों पर नज़र रखी और संपर्क स्थापित किया, जिसके परिणामस्वरूप भारी गोलीबारी हुई। जब ऑपरेशन चल रहा था तो नियंत्रण रेखा के आसपास पाकिस्तान की अग्रिम चौकियों से भी रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही थी। ऑपरेशन के परिणामस्वरूप दो आतंकवादियों को मार गिराया गया और दो एके राइफलें, तीन मैगजीन, चार हथगोले, गोला-बारूद और अन्य युद्धक खेप बरामद हुई।

बयान में आगे कहा गया कि आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ की कोशिश शांतिपूर्ण कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान की ओर से हताशा को इंगित करती है, वह भी तब जब आम चुनाव निर्धारित हो चुके हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू हो रही है।

सेना ने कहा है कि यह ऑपरेशन विभिन्न सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच तालमेल का प्रमाण है, जो कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।