धरना स्थल पर पहुंच कर शुभेंदु अधिकारी ने जताया समर्थन

कोलकाता, 17 मई (हि.स.) । पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) 2016 के माध्यम से नियुक्त किए गए शिक्षकों की बर्खास्तगी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद नौकरी से हाथ धो चुके लगभग हजार शिक्षक कोलकाता के साल्टलेक स्थित विकास भवन के सामने धरने पर डटे हुए हैं।

शिक्षकों का यह शांतिपूर्ण धरना शुक्रवार रात से शनिवार तक लगातार जारी रहा। प्रदर्शनकारी शिक्षकों की मांग है कि राज्य सरकार इस मामले में तत्काल कानूनी कदम उठाए और उनकी नौकरी बहाल की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने अपने फैसले में 25 हजार 753 शिक्षकों और शिक्षण कर्मियों की नियुक्तियों को अमान्य घोषित करते हुए चयन प्रक्रिया को “भ्रष्ट और दूषित” बताया था।

प्रदर्शनकारियों में शामिल शिक्षक चिन्मय मंडल ने कहा, “हमने हजारों शिक्षकों, समाज के जागरूक लोगों और समर्थकों से अपील की है कि वे शुक्रवार दोपहर तीन बजे विकास भवन के सामने जुटें ताकि आंदोलन को और तेज किया जा सके। हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री हमसे तुरंत बातचीत करें।”

इस बीच, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर शिक्षकों को समर्थन दिया। उन्होंने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए और कहा कि अगर विधानसभा सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दी गई तो विधानसभा सत्र चलने नहीं दिया जाएगा।

अधिकारी ने कहा, “हमारे प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार भी एक-दो दिनों में आपके बीच आएंगे। मैं खुद भी एक रात आपके साथ धरने पर बैठूंगा। आपने अपनी नौकरी राज्य सरकार के भ्रष्टाचार की वजह से गंवाई, आपकी कोई गलती नहीं थी। अगर सत्तारूढ़ दल विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने से रोकता है, तो हम सत्र को नहीं चलने देंगे।