काठमांडू, 27 अक्टूबर । राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल सोमवार को पशुपति क्षेत्र में गुह्येश्वरी घाट जाकर छठ पूजा में शामिल हुए और अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया। उन्होंने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सूर्य देव और छठी माता की पूजा-अर्चना की और अर्घ्य अर्पण किया। अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने भी सोमवार की शाम को छठ घाट पर पहुंच कर सूर्य को अर्घ्य दिया है।
भारत से जुड़े सीमावर्ती जिलों में छठ का महापर्व भव्य रूप से मनाया ही जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से काठमांडू, पोखरा सहित पहाड़ के जिलों में भी इसका विस्तार देखने को मिला है। देश के विभिन्न भागों में भव्य रूप से मनाए जाने वाले छठ पर्व पर राष्ट्रपति हर वर्ष गुह्येश्वरी और कमलपोखरी में सूर्य देव और छठी माता की पूजा करके अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा निभाते आए हैं।
लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने सोमवार की शाम को छठ घाट पर पहुंच कर सूर्य को अर्घ्य दिया है। काठमांडू के कमलपोखरी छठ घाट पर पहुंची प्रधानमंत्री कार्की ने अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया। छठ घाट पर पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री कार्की ने अपने पति दुर्गा सुवेदी के साथ पूजा अर्चना की। छठ घाट से बाहर निकलते हुए पत्रकारों को संक्षिप्त प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि उन्होंने तय समय पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न होने की कामना छठी मैया से की है।
प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से सप्तमी तक मनाए जाने वाले छठ पर्व के अवसर पर काठमांडू के गुह्येश्वरी–गौरीघाट, कमलपोखरी, थापाथली सहित काठमांडू उपत्यका के अन्य एक दर्जन स्थानों पर भी छठ को भव्य रूप से मनाया जाता है। आज अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की गई और राजधानी के विभिन्न छठ घाटों को सुंदर ढंग से सजाया गया। छठ पर्व को देखने के लिए व्रतालु परिवार के अलावा आम जनता की भी छठ घाटों पर भारी भीड़ देखी गई।
अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने वाले मुख्य दिन पर नेपाल सरकार ने आज सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। व्रतधारी आज रात भर जागरण करके कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे।
