रेखा गणित की जटिलता को दूर करेगा नया फार्मूला हेक्सा सेक्शन थ्योरम

लखनऊ, 23 मई । शिक्षा के क्षेत्र में रेखा गणित का अपना महत्व है। इसके फार्मूले अगर किसी को समझ आ जाए तो वह सवालों को आसानी से हल कर सकता है। वहीं इसकी ​जटिलता होने पर सवालों में गलतियां होना लाजमी है। रेखा गणित इस जटिलता को समझते हुए सालों की मेहनत के बाद नई एक नया फार्मूला एक नामी प्रमेय (थ्योरम) को खोज निकाला गया है। इस नये फार्मूले से अब बिना नापे ही किसी कोण को तीन बराबर बराबर भागों में बांटा जा सकता है।

यह जानकारी लखीमपुर खीरी के युवराज दत्त इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य मनोहर लाल वर्मा ने दी।

उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि प्रमेय (थ्योरम) की खोज में कई प्रूफ भी ज्ञात (सामने आए) हुए हैं। इसकी सहायता से किसी कोण को तीन बराबर भागों में बांटना संभव हो सका है। उन्होंने इसकी रचना विधि तथा कई प्रूफ ज्ञात किए हैं।

पूर्व प्रधानाचार्य ने दावा किया कि विश्व का कोई भी गणितज्ञ बिना नापे किसी कोण को तीन बराबर भागों में नहीं बांट सकता है। उन्होंने विश्व की इस समस्या का हल कर रेखा गणित के तथ्यों एंव तर्कों के आधार पर किया है। अधिकांश गणितज्ञ इस समस्या को असंभव मानते थे। यह भारत की बड़ी उप​लब्धि है। इसमें भारत का गौरव नीहित है। यह प्रमेय तथा कोण का त्रिभाजन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

मनोहर लाल वर्मा ने बताया कि इस नये फार्मूले का नामकरण हेक्सा सेक्शन थ्योरम के रूप में किया है। उन्होंने इसे कापी राइट भी करा लिया है।

नये प्रमेय की विधि

पूर्व प्रधानाचार्य श्री वर्मा ने बताया कि किसी चाप (रेखा) के मध्य बिन्दु तथा उसी चाप के दूसरे सिरे से खींचे गये व्यास को 1:3 में विभाजित करने वाले बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा तथा चाप के दिनों सिरों से खींचे गये व्यासों के बीच बने कोण की समद्धिभाजक रेखा के कटान बिन्दु की केन्द्र से दूरी के बराबर लम्बाई वाली जीवा, चाप को छह बराबर भागों में बांटती है।

उन्होंने बताया कि ​गणित में इसकी उपयोगिता भी ज्ञात कर ली है और यह भारत की ऐतिहासिक सफलता है।