दंपत्ति स्थानांतरण’ नीति पर उठाए गये सवाल

रांची, 14 अगस्त । झारखंड में शिक्षकों के अंतर-जिला तबादले को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। फणींद्र मंडल सहित 48 शिक्षकों ने अपने तबादले के आवेदन खारिज किए जाने को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका अधिवक्ता चंचल जैन के माध्यम से गुरुवार को दाखिल की गई है।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ऑनलाइन टीचर ट्रांसफर पोर्टल पर उनके आवेदन केवल इस आधार पर खारिज कर दिए गए कि उनके जीवनसाथी (पति या पत्नी) सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। जबकि राज्य सरकार के जारी मेमो नंबर 1607 को 06 जुलाई 2023 में स्पष्ट प्रावधान है कि अनुबंधित कर्मचारी के रूप में कार्यरत जीवनसाथी वाले मामलों को भी ‘दंपत्ति स्थानांतरण’ श्रेणी में शामिल किया जाएगा।

शिक्षकों का आरोप है कि यह कार्रवाई राज्य सरकार की स्वीकृत नीति के विरुद्ध है और समान परिस्थितियों में वर्ष 2024 में कई अन्य शिक्षकों को दंपत्ति स्थानांतरण का लाभ दिया गया है, जबकि याचिकाकर्ताओं को वंचित रखा गया।

सभी याचिकाकर्ता वर्तमान में राज्य के विभिन्न जिलों में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं और उन्होंने जीवनसाथी के कार्यस्थल वाले जिले में तबादले के लिए आवेदन किया था। याचिका में हाईकोर्ट से मांग की गई है कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वे स्थानांतरण नीति के अनुसार, उनके आवेदनों पर पुनर्विचार करें और उन्हें भी वही लाभ प्रदान करें जो पहले समान परिस्थितियों वाले शिक्षकों को दिया जा चुका है।