केंद्र और राज्य सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम, कहा— “अब अधिकारों से समझौता नहीं”
पूर्वी सिंहभूम, 27 अक्टूबर । घाटशिला विधानसभा उपचुनाव से पहले कुङमी समाज ने बड़ा राजनीतिक ऐलान किया है। समाज ने चेतावनी दी है कि यदि केंद्र और राज्य सरकार 15 दिनों के भीतर उनकी प्रमुख मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाती हैं, तो वे आगामी घाटशिला उपचुनाव में विधानसभा स्तरीय वोट बहिष्कार करेंगे।
यह निर्णय रविवार को गालूडीह में आयोजित घाटशिला विधानसभा स्तरीय कुङमी समाज की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। बैठक में समाज के सभी सदस्यों ने एकजुट होकर कहा कि पिछले 75 वर्षों से कुङमी समाज भारतीय संविधान का पालन करते हुए लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेता आया है, लेकिन आज तक उनके संवैधानिक अधिकारों और अस्तित्व से जुड़ी मांगों को नजरअंदाज किया गया है।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि कुङमी समाज की प्रमुख मांगों — कुङमी को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने, कुङमालि भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान देने, और सरना धर्म कोड की मान्यता देने — पर न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया है।
समाज के सदस्यों ने कहा कि वर्ष 2022, 2023 और 2025 में तीन बार रेल टेका आंदोलन के बावजूद सरकारों ने सिर्फ आश्वासन दिए, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया। कई बार मांग पत्र “टेबल टू टेबल” घूमते रहे, पर नतीजा शून्य रहा।
30 से 40 हजार मतदाता नहीं डालेंगे मत
कुङमी समाज ने घोषणा की है कि घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के महतो बहुल लगभग 105 मतदान केंद्रों में करीब 30 से 40 हजार कुङमी मतदाता आगामी उपचुनाव में वोट नहीं डालेंगे।
समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह बहिष्कार सरकार की नीतिगत उपेक्षा के खिलाफ एक लोकतांत्रिक विरोध होगा।
आंदोलन तेज़ करने की चेतावनी
आंदोलनकारी अमित महतो ने केंद्र और राज्य सरकारों को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि “यदि सरकारें 10 दिनों के भीतर कागज़ी प्रक्रिया शुरू कर समाज के प्रतिनिधियों से वार्ता नहीं करती हैं, तो वोट बहिष्कार को ऐतिहासिक रूप से अंजाम दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि आने वाले किसी भी चुनाव में समाज तब तक मतदान नहीं करेगा जब तक उनकी संवैधानिक मांगें पूरी नहीं होतीं।
बैठक में आंदोलनकारी अमित महतो, समाजसेवी मानिक महतो, आदित्य कुमार, मनोज महतो, दीपक महतो, खोखन महतो, ख़ुदीराम महतो, विश्वनाथ महतो, दीनबंधु महतो और रखोहोरी महतो सहित कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और ग्राम प्रधान उपस्थित थे।
