
Kurseong: A view of the collapsed Dudia Iron Bridge connecting Mirik and Kurseong in Darjeeling district, West Bengal, on Sunday, October 5, 2025. The collapse, triggered by heavy rainfall and subsequent landslides, has severed vital road links in the region. (Photo: IANS)
कोलकाता, 09 अक्टूबर। उत्तर बंगाल में हाल में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान बचाव और राहत कार्य में अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा देने वाले अग्निशामक कर्मियों, एसडीआरएफ जवानों, पुलिस अधिकारियों, अभियंताओं और चिकित्सकों को राज्य सरकार सम्मानित करेगी।
सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में गुरुवार को राज्य सरकार ने निर्णय लिया है।
सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि यह फैसला उन फ्रंटलाइन कर्मियों की सराहना के लिए लिया गया है, जिन्होंने उस आपदा के समय साहसिक भूमिका निभाई थी, जिसमें कम से कम 32 लोगों की जान चली गई थी।
एक अधिकारी ने कहा कि हमने उन अग्निशामक कर्मियों, एसडीआरएफ जवानों, पुलिस अधिकारियों, अभियंताओं और चिकित्सकों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है जिन्होंने बचाव कार्यों में अपनी जान जोखिम में डाली। मुख्यमंत्री ने भी इस फैसले को मंजूरी दे दी है।
अधिकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को एक बार फिर उत्तर बंगाल का दौरा कर सकती हैं। उनके कार्यक्रम में दार्जिलिंग का भी दौरा शामिल होगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुनर्निर्माण और मरम्मत कार्यों की जमीनी स्थिति का जायजा लेंगी और एक उच्चस्तरीय प्रशासनिक बैठक की अध्यक्षता करेंगी।
इस बीच, राज्य सरकार दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के खिलाफ विरोध दर्ज कराने की तैयारी में है। आरोप है कि डीवीसी ने राज्य सरकार को बिना पूर्व सूचना दिए बांधों से पानी छोड़ा, जिससे दक्षिण बंगाल के कई जिलों में दुर्गा पूजा के दौरान बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। मुख्यमंत्री ने हाल ही में डीवीसी पर जानबूझकर पानी छोड़ने का आरोप लगाया था, हालांकि केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम डीवीसी ने इन आरोपों को खारिज किया है।







