मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

रांची, 23 दिसंबर । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को बेहतर कार्य वातावरण उपलब्ध कराना तथा उनकी आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। एक संवेदनशील सरकार के रूप में राज्य की सेवा करने वाले कर्मियों के कल्याण के लिए निरंतर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में राज्य सरकार और बैंक ऑफ इंडिया के बीच कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन खाता पैकेज को लेकर हुए एमओयू के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने इसे राज्य सरकार के कर्मियों के लिए “एक खूबसूरत और ऐतिहासिक पल” बताया।

उन्होंने कहा कि यह समझौता नौकरी के दौरान मिलने वाले वेतन, सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन, स्वास्थ्य सुरक्षा तथा दुर्घटना जैसी परिस्थितियों में वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने की दिशा में एक निर्णायक पहल है।

सोरेन ने कहा कि सरकार की सोच यह है कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त एवं मजबूत बने। इसी परिकल्पना के साथ सरकार कार्य कर रही है। हमारा प्रयास है कि विकास से वंचित हर व्यक्ति तक सरकार की कल्याणकारी योजनाएं पहुंचे। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों को सफल बनाने में बैंकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और भविष्य में यह भूमिका और भी निर्णायक होगी।

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि राज्य सरकार के कार्यों में बैंकों का पूर्ण सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि बैंक ऑफ इंडिया ने सरकार के एक अहम सहयोगी के रूप में आगे बढ़कर उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिससे अन्य बैंक भी राज्य के विकास में भागीदार बनेंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में मृत जेबीवीएनएल कर्मी प्रमोद लकड़ा की पत्नी श्रीमती मंजू लकड़ा को गवर्नमेंट सैलरी पैकेज के अंतर्गत 50 लाख रुपये की सहायता राशि का चेक प्रदान किया।

मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राज्य सरकार तथा बैंक ऑफ इंडिया के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौता ज्ञापन पर राज्य सरकार की ओर से वित्त विभाग के विशेष सचिव संदीप सिंह तथा बैंक ऑफ इंडिया की ओर से रांची अंचल के उप महाप्रबंधक संजीव कुमार ने हस्ताक्षर किए।

एमओयू के तहत बैंक ऑफ इंडिया में सैलरी अकाउंट रखने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों, सेवानिवृत्त कर्मियों एवं अनुबंध कर्मियों को एक करोड़ रुपये तक का दुर्घटना बीमा (हवाई दुर्घटना में मृत्यु होने पर दो करोड़ रुपये) सहित विभिन्न बैंकिंग सेवाएं बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उपलब्ध कराई जाएंगी।

कार्यक्रम में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, विकास आयुक्त अजय कुमार सिंह, वित्त सचिव प्रशांत कुमार, बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक सुब्रत कुमार, जीएम गुरु प्रसाद गौंड सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।