कोलकाता, 30 जून । दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले में पुलिस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कोलकाता पुलिस ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए चार आरोपितों में से तीन ने पहले से ही इस अपराध की योजना बना ली थी और पीड़िता को लंबे समय से टार्गेट बनाया जा रहा था।

नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही जांच में सामने आया है कि तीन मुख्य आरोपित — मनोजीत मिश्रा, प्रतीम मुखर्जी और जैद अहमद — पहले भी कॉलेज की अन्य छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाओं में संलिप्त रहे हैं। इन तीनों में से एक कॉलेज का पूर्व छात्र है, जबकि दो वर्तमान में छात्र हैं। चौथा आरोपित काॅलेज का सुरक्षा गार्ड है।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये तीनों आरोपित मोबाइल फोन पर आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड करते थे और बाद में पीड़िताओं को ब्लैकमेल करने के लिए उन वीडियो का इस्तेमाल करते थे। एक अधिकारी ने बताया, “यह पूरा मामला सुनियोजित था। आरोपित कई दिनों से पीड़िता पर नजर रखे हुए थे। हमें पता चला है कि कॉलेज में दाखिले के पहले दिन से ही मुख्य आरोपित ने उसे टारगेट करना शुरू कर दिया था।”

कोलकाता पुलिस ने उन मोबाइल वीडियो की तलाश शुरू कर दी है, जिन्हें आरोपितों ने शूट किया था। रविवार को प्रतीम मुखर्जी और जैद अहमद के घरों पर छापेमारी की गई। पुलिस को संदेह है कि आरोपियों द्वारा 25 जून को हुई घटना का वीडियो क्लिप रिकॉर्ड किया गया और संभवतः उसे आगे भी साझा किया गया है।

पुलिस अधिकारी ने बताया, “हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वह क्लिप किसी अन्य ग्रुप या व्यक्ति के साथ साझा की गई थी। यदि ऐसा है, तो उन लोगों से भी पूछताछ की जाएगी।”

एसआईटी ने एक सूची तैयार की है, जिसमें 25 से अधिक लोगों के नाम हैं, जो 25 जून की शाम दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में मौजूद थे। अधिकारी ने बताया, “इन सभी से पूछताछ की जाएगी ताकि यह जान सकें कि उन्होंने उस शाम क्या देखा।”

गौरतलब है कि पीड़िता ने तीन आरोपितों — एक पूर्व छात्र और दो वर्तमान छात्रों — पर गैंगरेप का आरोप लगाया है। यह घटना कोलकाता के कसबा इलाके में स्थित दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज परिसर में हुई थी। पुलिस अब घटना से जुड़े डिजिटल सबूत इकट्ठा करने और आरोपितों के नेटवर्क की गहराई से जांच करने में जुटी हुई है।