
बैंकॉक (थाईलैंड), 25 जुलाई। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक दशक से चल रहा सीमा विवाद बीते कल भीषण लड़ाई में तबदील हो गया। आज दूसरे दिन भी दोनों पक्षों ने जबरदस्त गोलाबारी की है। इस लड़ाई में कम से कम 15 लोग मारे गए हैं। थाईलैंड के उबोन रत्चथानी और सुरिन प्रांत में आज सूरज उगने से पहले ही झड़पें शुरू हो गई हैं। यूरोपीय संघ, अमेरिका और चीन ने चिंता जताते हुए दोनों देशों से बातचीत का आह्वान किया है। कंबोडिया के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आज आपात बैठक आहूत की है।
बैंकॉक पोस्ट अखबार की खबर के अनुसार, थाईलैंड के द्वितीय सेना क्षेत्र ने उबोन रत्चथानी और सुरिन प्रांतों में सूरज निकलने से पहले झड़पें शुरू हो गई हैं। कंबोडिया ने हमले में रूस निर्मित बीएम-21 रॉकेट प्रणालियों का इस्तेमाल किया है। थाई सैन्य अधिकारियों ने कहा कि थाईलैंड ने संघर्ष क्षेत्रों से अपने 1,00,000 लोगों को सुरक्षित निकालकर आश्रय केंद्रों में पहुंचाया है।
रॉयल थाई सेना ने बयान में कहा, “कंबोडियाई बलों ने हमले में घातक हथियारों, फील्ड आर्टिलरी और बीएम-21 रॉकेट प्रणालियों का उपयोग किया है। थाई सेनाओं ने इसका माकूल जवाब दिया है। इस बीच दोनों पक्षों ने गुरुवार को एक विवादित सीमा क्षेत्र में संघर्ष शुरू करने के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया है। दोनों देशों की विवादित सीमा पर कम से कम छह स्थानों पर युद्ध छिड़ गया है। थाईलैंड के कृषि प्रधान सुरिन प्रांत में तेज धमाके हो रहे हैं। सड़कों और पेट्रोल पंपों पर सशस्त्र थाई सैनिकों की भारी मौजूदगी है।
बैंकॉक पोस्ट के अनुसार, लगभग एक दर्जन ट्रकों, बख्तरबंद वाहनों और टैंकों वाला एक थाई सैन्य काफिला धान के खेतों से घिरी प्रांतीय सड़कों को पार करते हुए सीमा की ओर बढ़ गया है। यह लड़ाई थाईलैंड के पिछली रात नोम पेन्ह स्थित अपने राजदूत को वापस बुलाने और कंबोडिया के दूत को निष्कासित करने के कुछ ही घंटों बाद शुरू हुई है।
इस दौरान बारूदी सुरंग में विस्फोट होने से कई थाई सैनिक घायल हो गए। बैंकॉक का आरोप है यह बारूदी सुरंग हाल ही में प्रतिद्वंद्वी सैनिकों ने बिछाई थी। कंबोडिया ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। इस बीच कंबोडिया के ओड्डार मींचे प्रांत के के सरकारी प्रवक्ता मेथ मीस फेकडे ने कहा कि लड़ाई में उनके एक नागरिक की मौत हो गई और पांच घायल हो गए हैं। 1,500 परिवारों को सुरक्षित निकाला गया।
दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ के अध्यक्ष मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने सदस्य देशों थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं से बातकर शांतिपूर्ण समाधान निकालने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मलेशिया आसियान एकता और साझा जिम्मेदारी की भावना से इस प्रक्रिया में सहायता के लिए तैयार है।
उधर, थाई गृह मंत्रालय ने कहा कि चार सीमावर्ती प्रांतों से 1,00,000 से अधिक लोगों को लगभग 300 अस्थायी आश्रयों में पहुंचाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। बताया गया है कि यह लड़ाई लाखों विदेशी पर्यटकों के लिए दोनों पड़ोसी देशों के बीच साझा की जा रही 800 किलोमीटर लंबी सीमा के विवाद को लेकर है। इससे पहले 2008 और 2011 में भी दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव हो चुका है।
बताया गया है कि 2013 में संयुक्त राष्ट्र की एक अदालत ने एक दशक से भी अधिक समय से चले आ रहे इस मामले का निपटारा किया था। मौजूदा संकट मई में तब भड़क उठा जब एक नए संघर्ष में एक कंबोडियाई सैनिक मारा गया। राजनयिक सूत्रों के अनुसार, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट के आग्रह को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने स्वीकार कर लिया है। परिषद ने आज एक आपात बैठक आहूत की है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन ने दोनों देशों से बातचीत का आह्वान किया है। यूरोपीय संघ के सदस्य देश-ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन और स्वीडन हैं।