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कोलकाता, 24 फरवरी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मारी गई महिला डॉक्टर को अपनी “बहन” बताया और उनके माता-पिता के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने इस जघन्य अपराध के दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
धन धान्य सभागार में वरिष्ठ और कनिष्ठ डॉक्टरों एवं चिकित्सा छात्रों के एक विशेष कार्यक्रम में बोलते हुए ममता बनर्जी ने अपनी सरकार द्वारा न्याय सुनिश्चित करने के प्रयासों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अपराजिता बिल पेश किया था, जिसमें दुष्कर्म के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर.जी. कर अस्पताल में मारी गई बहन के परिवार के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करती हूं। हम इस मामले में उचित सजा की मांग करते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना के खिलाफ उन्होंने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था। ममता बनर्जी ने कहा कि हमारी सरकार ने अपराजिता बिल पारित किया था, लेकिन वह अभी भी राष्ट्रपति के पास लंबित है।
गौरतलब है कि कोलकाता के इस सरकारी अस्पताल में नौ अगस्त 2024 को 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
सितंबर 2024 में पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित अपराजिता महिला और बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन विधेयक, 2024) में यह प्रावधान किया गया है कि अगर किसी बलात्कार पीड़िता की मौत हो जाती है या वह स्थायी रूप से कोमा में चली जाती है, तो दोषी को फांसी की सजा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने समाज से अपील करते हुए कहा, “मैं अपने भाइयों को यह जिम्मेदारी सौंपती हूं कि वे अपनी बहनों की रक्षा करें और ऐसे जघन्य अपराधों को रोकें। आज के समय में लैंगिक असमानता लगभग खत्म हो रही है, जो एक सकारात्मक संकेत है। सरकार अपना काम जरूर करेगी, लेकिन मुझे विश्वास है कि समाज के पुरुष भी इसमें सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।”
इससे पहले, इसी महीने तृणमूल कांग्रेस के कई सांसदों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर लंबित पड़े इस विधेयक पर चर्चा की थी। यह विधेयक राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के माध्यम से राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।