केंद्रीय विधि मंत्री का प्रयागराज में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने किया अभिनंदन
प्रयागराज, 16 जुलाई। केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि संविधान के तीन अंग विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका का संगम होने से ही देश आगे बढ़ेगा। इनमें से कोई सर्वोच्च नहीं है केवल संविधान ही सर्वोच्च है। आपसी समरसता होनी चाहिए।
मेघवाल मंगलवार को हाई कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा ऐतिहासिक पुस्तकालय हाल में आयोजित स्वागत एवं अभिनन्दन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अधिवक्ताओं से कहा कि उनकी सरकार अधिवक्ता संरक्षण कानून लागू करने पर चर्चा कर रही है। इसके लिए अधिवक्ता कानून में बदलाव किया जाएगा। साथ ही अधिवक्ताओं को बीमा पालिसी से जोड़ने की दिशा में विचार चल रहा है। वकीलों द्वारा कोर्ट में घसीटे जाने के डर से बीमा कम्पनियां आगे नहीं आ रहीं। वकीलों को आयुष्मान योजना से बाहर रखा गया है। उनका स्वास्थ्य ठीक रहे सरकार इसकी चिंता कर रही है। अधिवक्ताओं के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधाएं उपलब्ध कराने में सांसद निधि या अन्य तरीके से मदद की जाएगी। इन सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा के लिए बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को 9 अगस्त शाम चार बजे का समय दिया और कहा वे दिल्ली आयें। वहां का खर्च सरकार उठाएगी और गहन चर्चा के लिए समय लेकर दिल्ली आयें।
मेघवाल ने पत्नी के साथ जीवन अनुभवों को संजोकर लिखी किताब “एक सफ़र हम सफर के साथ“ का जिक्र किया और कहा कि शादी भौतिक सुखों के लिए नहीं है यह आध्यात्मिक लगाव है। उन्होंने कुटुम्ब प्रबोधन की दिशा में एक टीम के रिसर्च के आधार पर दूसरी किताब का भी हवाला दिया।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी व महासचिव विक्रांत पांडेय ने कानून मंत्री मेघवाल को शाल व स्मृति चिन्ह भेंटकर अभिनंदन किया। न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा का भी बार ने शाल भेंटकर स्वागत किया। सभा का संचालन वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे ने किया।
इससे पहले कानून मंत्री का अपर सालिसिटर जनरल वरिष्ठ अधिवक्ता शशि प्रकाश, डिप्टी सालिसिटर जनरल वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश सहित केंद्र सरकार के अधिवक्ताओं ने स्वागत किया। इसके बाद वह बार एसोसिएशन के समारोह में पहुंचे। जहां अध्यक्ष अनिल तिवारी ने स्वागत किया और कहा कि हम अभी कुछ नहीं मांगेंगे। समय मिलने पर दिल्ली आकर अपनी तमाम समस्याएं रखेंगे।
इस पर केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा बार भले ही कुछ मांग नहीं रही किंतु वह यहां कुछ देने आये है। मेरे साथ विधि सचिव राज कुमार गोयल जो इंफ्रास्ट्रक्चर देखते हैं, भी आये हुए हैं। उन्होंने तीन विषयों पर सरकार की गम्भीरता बताई। सुझाव मांगने पर एक महिला अधिवक्ता ने अधिवक्ताओं के आवास की समस्या उठाई। अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि वकीलों के लिए जजों, अधिकारियो आदि के जैसे जमीन अधिग्रहण कर सस्ती दर पर प्लाट या आवास उपलब्ध कराने की योजना बनाई जाय। इस पर मंत्री ने पीडीए की सहायता से ऐसी योजना पर चर्चा करने का आश्वासन दिया। कहा कि सरकार जमीन देगी वकीलों की सोसायटी बनाकर आवास योजना पर अमल करना होगा। उन्होंने अंत में कवि सूरदास का भजन गाया कि “प्रभु मेरे अवगुन चित न धरो। एक लोहा पूजा में राखत एक घर बधिक परो।।
कार्यक्रम में सुभाष यादव, नीरज त्रिपाठी, अखिलेश मिश्र, नीलम शुक्ला, सुमित श्रीवास्तव, पुनीत शुक्ल सहित पूरी कार्यकारिणी, अधिवक्ता मृत्युंजय तिवारी, मुख्य स्थाई अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह, एन के चटर्जी, संजय यादव, भानु देव पांडेय, संजय यादव, अशोक सिंह, सभाजीत सिंह आदि ने अपना योगदान दिया।