नई दिल्ली, 23 जुलाई। केंद्रीय बजट काे प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के महासचिव (प्रसार) जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने यह तो स्वीकार कर लिया कि देश में बेराेजगारी बढ़ी हैए लेकिन इसे दूर करने की दिशा में काेई कदम नहीं उठाया है। इसमें सबसे बड़ी निराशाजनक यह बात है कि बजट में डाटा और आंकड़ाें का उल्लेख नहीं किया गया है।
साेशल मीडिया एक्स पर अपने एक पाेस्ट में जयराम रमेश ने कहा कि वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र से सबक लेकर पहली नौकरी पक्की काे बजट में जगह दी है। लेकिन उसके लिए उपाय नहीं बताए हैं।
जयराम रमेश ने अपने बयान में कहा है कि केंद्रीय बजट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्याेग (एमएसएमई) एक प्रमुख चर्चा के विषय थे। जिसमें मैन्युफैक्चरिंग के लिए क्रेडिट गारंटी के अलावा कुछ विवरण उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। उन्हाेंने कहा कि बजट में कुछ ढंग का नीतिगत प्रस्ताव जैसा नहीं है, जो एमएसएमई उद्याेग क्षेत्र को पुनर्जीवित कर सके।
जयराम रमेश ने कहा है कि बजट भाषण में एमएसएमई को ऋण के लिए नॉन परफॉर्मिंग असेट्स वर्गीकरण अवधि को 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिनों तक करने के मामले पर कुछ नहीं कहा गया। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स ( जीएसटी) के सरलीकरण के प्रति अस्पष्ट प्रतिबद्धता के अलावा, टैक्स राहत के लिए कोई ठोस प्रस्ताव नहीं बनाया गया है। ऐसे में लगता है कि इस तरह से एमएसएमई उद्योग काे बाजार से बाहर कर दिया है ।
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि एमएसएमई की निर्यात क्षमता विकसित करने के लिए समर्पित निधि और स्टार्ट-अप के लिए बढ़ी हुई फंडिंग को बजट भाषण में कोई जगह नहीं मिली है। बजट में एमएसएमई के संबंध में व्यापार नीति के मामले पर कुछ नहीं कहा गया है, वो भी ऐसे समय में जब घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए एंटी-डंपिंग ड्यूटी के अधिक प्रभावी इस्तेमाल की जरूरत महसूस की जा रही थी।