लखनऊ, 7 सितंबर । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि ‘ट्रम्प टैरिफ’ के बाद उभरी नई चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार को देशहित का ध्यान रखते हुए अपने नीतियों व सुधारवादी रवैया अपनाने की जरूरत है।

बसपा प्रमुख मायावती रविवार को पार्टी के कार्यालय में बैठक की। जिसमें यूपी स्टेट के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता ने शामिल होकर पार्टी की ओर से दिए गये कार्यों की प्रगति रिपोर्ट दी। बैठक में भारत पर अमेरिका के लगाए 50 प्रतिशत टैरिफ काे लेकर चर्चा हुई। ‘ट्रम्प टैरिफ’ से उभरी नई चुनौतियों का जिक्र करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि इससे सही से निपटने के लिए भारत सरकार को देशहित का ध्यान रखते हुए अपने नीतियों व सुधारवादी रवैया अपनाने की जरूरत है। वरना देश में गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा घरों से दूर पलायन की विवशता आदि की समास्याएं और भी जटिल होकर देश के मान—सम्मान को भी दुनिया में प्रभावित करेंगी, जिससे बचना बहुज जरूरी है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने यूपी समेत सभी राज्यों में विभिन्न धर्मों के पूजा स्थलों और संतों-महापुरुषों काे निरादार करने के मामले में कहा कि सभी सरकारों को संकीर्ण, जातिवादी, सांप्रदायिक व द्वेषपूर्ण राजनीति छोड़कर ऐसे आपराधिक तत्वों के प्रति सख्त कानूनी रवैया अपनाकर कानून का राज स्थापित करना चाहिए, ताकि लोग शांतिपूर्वक अपनी आजीविका कमा सकें और अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।

बसपा प्रमुख ने पार्टी जनों को देश और प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों से जुड़ी नई चुनौतियों के प्रति आगाह किया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल लगातार साम, दाम, दंड, भेद आदि हर तरह के हथकंडे अपनाकर बसपा को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं ताकि दलितों और अल्पसंख्यकों की आवाज उठाने वाली पार्टी आगे न बढ़ सके।

मायावती ने अक्टूबर माह में कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में होने वाले राज्यव्यापी कार्यक्रम को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने की अपील की है। उन्हाेंने कहा कि बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ के वीआईपी रोड स्थित पार्टी उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम करेगी। इसमें वे स्वयं शामिल हाेंगी। यूपी प्रदेश इकाई के अलावा, आल इंडिया लेवल पर पार्टी के पुनर्गठन के बाद राज्यस्तर पर होने वाला यह पार्टी का पहला बड़ा कार्यक्रम है। इसमें पूरे प्रदेश से कार्यकर्ता शामिल हाेंगे।

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