
मोदी सरकार हर परिस्थिति में राज्यों के साथ दृढ़ता से खड़ी : अमित शाह
नई दिल्ली, 10 जुलाई । केंद्र सरकार ने देशभर में मानसून के दौरान भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, केरल और उत्तराखंड सहित छह राज्यों के लिए 1,066.80 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की मंजूरी दी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार बाढ़ प्रभावित छह राज्यों में से असम को 375.60 करोड़ रुपये, मणिपुर को 29.20 करोड़ रुपये, मेघालय को 30.40 करोड़ रुपये, मिजोरम को 22.80 करोड़ रुपये, केरल को 153.20 करोड़ रुपये और उत्तराखंड को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से केंद्रीय अंश के रूप में 455.60 करोड़ रुपये दिए गए। ये राज्य इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान अत्यधिक भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं।
इस वर्ष, केंद्र सरकार पहले ही एसडीआरएफ से 14 राज्यों को 6,166.00 करोड़ रुपये और एनडीआरएफ से 12 राज्यों को 1,988.91 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है। इसके अतिरिक्त, राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (एसडीएमएफ) से 5 राज्यों को 726.20 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (एनडीएमएफ) से 2 राज्यों को 17.55 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
केंद्र सरकार ने बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने से प्रभावित सभी राज्यों को आवश्यक एनडीआरएफ टीमों, सेना और वायु सेना की टीमों की तैनाती सहित सभी प्रकार की रसद सहायता भी प्रदान की है। मौजूदा मानसून के दौरान 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की 104 टीमें तैनात की गई हैं। इसके साथ ही, सेना और वायु सेना को भी जरूरत के अनुसार सक्रिय किया गया है।
इस निर्णय के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि मोदी सरकार हर परिस्थिति में राज्यों के साथ दृढ़ता से खड़ी है और पीड़ितों को राहत पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार ने बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, केरल और उत्तराखंड राज्यों के लिए राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के अंतर्गत केंद्रीय हिस्से के रूप में 1066.80 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।
शाह ने कहा कि इस वर्ष 19 राज्यों को एसडीआरएफ व राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) निधि से 8000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्रदान की गई है। वित्तीय सहायता के अलावा आवश्यक एनडीआरएफ, सेना और वायु सेना की तैनाती सहित सभी रसद सहायता प्रदान करना हमारी प्राथमिकता रही है।