
विधानसभा में कई घंटे की बहस के बाद सिलेक्ट कमेटी को भेजा गया ड्राफ्ट
चंडीगढ़, 15 जुलाई । पंजाब सरकार ने प्रदेश में हो रही बेअदबी की घटनाओं में कठोर सजा के लिए विधानसभा में पेश किया बिल पास नहीं हो सका। सदन में कई घंटे की चर्चा के बाद विधानसभा ने विधेयक को सलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया गया। अब यह बिल अगले सत्र में पेश किया जाएगा।
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से सोमवार को ‘पंजाब पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराध रोकथाम विधेयक-2025’ पेश किया गया था। विपक्ष की मांग पर स्पीकर ने मंगलवार को इस विधेयक पर बहस शुरू करवाई। सदन में बहस शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले भगवंत मान व आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने 24 घंटे में बेअदबी के दोषियों को सजा देने का ऐलान किया था, लेकिन आज 27 हजार 456 घंटे अथवा 1144 दिन के बाद सरकार सदन में यह बिल लेकर आई है। बाजवा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय में भी वर्ष 2018 में ऐसा ही बिल पारित किया गया था जो आजतक राष्ट्रपति के पास विचाराधीन है।
बाजवा ने सरकार को पूर्व आईपीएस कुंवर विजय प्रताप की रिपोर्ट पर घेरते हुए कहा कि आज वह न तो सदन में हैं, न ही आम आदमी पार्टी में हैं। बाजवा ने सरकार के पेश किए गए विधेयक में ढेरों खामियां होने का दावा करते हुए कहा कि वर्तमान में बेअदबी केसों की जांच दस वर्ष से चल रही है। नए कानून में जांच का समय 30 दिन किया जाए। इसके बाद जरूरत पडऩे पर केवल 15 दिन बढ़ाया जाए। इसके बाद तीसरी बार समय बढ़ाने से पहले डीजीपी अपनी रिपोर्ट दें। उन्हाेंने कहा कि बेअदबी मामलाें की गलत जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया जाए। प्रदेश में अगर कोई धार्मिक प्रदर्शन हो रहा है तो पुलिस उसमें असली गोली की बजाए प्लास्टिक बुलेट का इस्तेमाल करे।
सदन में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैहरा तथा वित्त मंत्री हरपाल चीमा के बीच जबरदस्त बहस हुई। स्पीकर ने खैहरा को चेतावनी दी। बहस में सरकार तथा विपक्ष के विधायकों ने अपनी-अपनी राय दी। अंत में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रस्ताव पर इसे सिलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया। अब सिलेक्ट कमेटी इस बिल पर काम करते हुए सभी धार्मिक संस्थाओं और लोगों से राय लेगी। इसके लिए 6 महीने का समय तय किया गया है। इसके बाद इस बिल को दोबारा विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल में चारों धर्मों के ग्रंथों की बेअदबी करने पर 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान रखा गया है।