नई दिल्ली, 8 जुलाई । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को भारतीय रक्षा संपदा सेवा के के अधिकारियों से हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखने का आग्रह करते हुए इस बात पर जोर दिया कि रक्षा का सबसे अच्छा तरीका युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहना है।
उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में भारतीय रक्षा संपदा सेवा के 2023 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए धनखड़ ने विकसित हो रहे तकनीकी और भू-राजनीतिक परिदृश्य का उल्लेख करते हुए युवा अधिकारियों को तेजी से बदलते परिदृश्य के साथ लगातार तालमेल बिठाने की सलाह दी।
रक्षा भूमि को हमारी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने रक्षा भूमि के प्रबंधन में आने वाली कई चुनौतियों जैसे अतिक्रमण और उसके बाद कानूनी विवाद का उल्लेख किया। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को भूमि प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करने की सलाह दी। इससे आप किसी भी घुसपैठ की निगरानी कर सकेंगे और दृढ़ संकल्प के साथ त्वरित उपचारात्मक कार्रवाई कर सकेंगे।
प्रोबेशनर्स को कभी भी शॉर्टकट न अपनाने की सलाह देते हुए उपराष्ट्रपति ने उनसे नैतिक आचरण का उदाहरण पेश करने और दूसरों के लिए आदर्श बनने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा, “जब आप दबाव का सामना करते हैं, तब भी दृढ़ रहें।” उन्होंने अधिकारियों से वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए काम करने का आग्रह किया।
इस बात पर गौर करते हुए कि रक्षा संपदा का ऐतिहासिक और विरासत संबंधी महत्व बहुत अधिक है, उपराष्ट्रपति ने इसकी योजना और विकास में दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।